मंत्री न बन पाए 9वीं बार के MLA गोपाल भार्गव ने लिखी पोस्ट, बोले- 'इसलिए मैं मौन हूं कि...'
मंत्री न बन पाए 9वीं बार के MLA गोपाल भार्गव ने लिखी पोस्ट, बोले- 'इसलिए मैं मौन हूं कि...'
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भोपाल: मध्य प्रदेश के सबसे वरिष्ठ MLA गोपाल भार्गव को सीएम डॉ मोहन यादव के कैबिनेट में जगह नहीं मिल पाई है. तत्पश्चात, अब राजनीतिक जानकार और समर्थक एक ही सवाल पूछ रहे हैं कि आगे क्या होगा? अब गोपाल भार्गव ने स्वयं आगे आकर जवाब दिया है. आगे की योजना बताई है. अपने इस बयान में 9वीं बार के MLA ने राज्य भर में समाज को संगठित करने का भी जिक्र किया है. यानी कि अब गोपाल भार्गव समाज को एकत्रित करेंगे.

सागर जिले की रहली सीट से भाजपा MLA गोपाल भार्गव ने फेसबुक पर लिखा है, ''आज मप्र राज्य के मंत्री परिषद् का पूर्ण-रूपेण गठन हो गया है, मैं नव नियुक्त मंत्रीगणों को अपनी ओर से शुभकामनायें प्रेषित करता हूं. प्रदेश भर से मेरे समर्थक मुझसे पूछ रहे हैं कि ऐसा क्या हुआ है कि आपको मंत्री मंडल में नहीं लिया गया? मैंने उनसे कहा 40 सालों के लंबे राजनैतिक जीवन में अब तक पार्टी ने जो भी जिम्मेदारियां दी हैं, उनको समर्पित भाव से पूर्ण किया है तथा आगे भी करते रहने के लिए संकल्पित हूं, इसलिए आज मंत्री परिषद् के गठन में पार्टी द्वारा लिए गए निर्णय का मैं स्वागत करता हूं. पद आते-जाते रहते हैं. पद अस्थायी हैं. लेकिन जन विश्वास स्थायी है. इतने वर्षों तक मैंने अपने क्षेत्र और प्रदेश की जो सेवा की है. वह मेरी पूंजी और धरोहर है. मेरे क्षेत्र ने मुझे प्रदेश का सबसे वरिष्ठ 9वीं बार विधायक बनाया जो देश में दुर्लभ एवं अपवाद है. मुझे 70% वोट देकर 73000 वोटों से जिताया यह ऋण मेरे ऊपर है. मैं जब तक इस क्षेत्र का विधायक रहूंगा. कोई कमी या अभाव नहीं रहने दूंगा. राजनैतिक दलों के अपने अपने फॉर्मूले हैं. सामाजिक, क्षेत्रीय कारण हैं जिनके आधार पर पद दिए जाते हैं. उसके भीतर जाने या जानने में मेरी कोई रुचि नहीं है, इसलिए मैं मौन हूं. खाली समय में अब मैं प्रदेश में समाज को संगठित कर समाज उत्थान के लिए कार्य करूंगा.'' 

हालांकि, उन्होंने अपनी फेसबुक पोस्ट को अब एडिट कर दिया जिसमें अब सिर्फ नवनियुक्त मंत्रियों को बधाई तथा शुभकामनाएं वाला ही मैसेज है. 16वीं विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर गोपाल भार्गव सागर जिले की रहली सीट से 9वीं बार चुनकर विधानसभा पहुंचे हैं. भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता भार्गव वर्ष 1985 से निरंतर जीतकर विधानसभा पहुंच रहे हैं. 2003 में उमा भारती की सरकार में भार्गव को कैबिनेट मंत्री बनाया गया था. इसके पश्चात् से बाबूलाल गौर और शिवराज सिंह चौहान सरकार में रहली MLA गोपाल भार्गव कैबिनेट मंत्री बने रहे. वहीं, 2018 में राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने पर गोपाल भार्गव को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया था. हालांकि, 2020 में कमलनाथ सरकार गिरने के पश्चात् भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी तथा भार्गव ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली. वह शिवराज सिंह चौहान की पिछली सरकार में लोक निर्माण विभाग, कुटीर और ग्रामोद्योग मंत्री थे.  

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