इंदौर। जिले में 7 हजार से अधिक किसानों को प्याज के भावांतर के तहत करीब 30 करोड़ की राशि अभी तक नहीं मिली है। 30 करोड़ रुपए की पहले किस्त मिलने के बाद राशि नहीं दी गई है। 2019 में प्याज की अधिक पैदावार होने से मंडी में एक से दो रुपए किलो प्याज बिक रहे थे, लागत नहीं मिलने से परेशान किसानों को राहत देने के लिए सरकार ने 8 रुपए किलो प्याज खरीदने की भावांतर योजना उस साल घोषित की थी।
सात हजार किसानों एक किस्त के करीब 30 करोड़ रुपए तो दे दिए गए थे, लेकिन दूसरी किस्त की राशि अब तक नहीं मिली है। अब किसान का कहना है की अब भुक्तान नहीं किया गया तो अब इस मामले में विरोध प्रदर्शन करेंगे जिसके की तैयारी किसान कर रहे हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा के बबलू जाधव के मुताबिक, प्याज के अलावा भावांतर और सोयाबीन के लिए भी सरकार ने 2019 और 2020 में बोनस देने का ऐलान किया था वह राशि भी किसानों को नहीं मिली है। सोयाबीन पर 2018-19 में 500 रुपए प्रति क्विंटल भावांतर देने और 2019- 20 में गेहूं पर 160 रुपए प्रति क्विंटल बोनस देने की घोषणा की गई थी, लेकिन इसकी कोई राशि किसानों को नहीं मिली है। दोनों के करीब 20 हजार किसानों को राशि का इंतजार है।
वही अध्यक्ष रामस्वरूप मंत्री का कहना है, अगले तीन से चार महीने में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगना है, इसलिए सरकार को यह किसानों को उनकी राशि देना चाहिए। जल्द ही राशि नहीं दी गई तो किसान आंदोलन करेंगे। इस मामले में मंडी प्रशासन का कहना जिले के किसानों की बकाया राशि देने के लिए प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है, जल्द ही फैसला लिया जाएगा।
वंदे भारत ट्रेन में महाकाल की तस्वीर लेकर इंदौर पहुंचे सांसद
चित्रकला प्रतियोगिता का हुआ आयोजन, विजेता बच्चो को दिए आकर्षक पुरस्कार
इंदौर में नहीं खेला जायेगा आइसीसी वनडे विश्व कप 2023 का एक भी मैच