दिल्ली हिंसा में हर मिनट आ रही थीं 4 पीसीआर कॉल, पुलिस नहीं कर पाई सहायता
दिल्ली हिंसा में हर मिनट आ रही थीं 4 पीसीआर कॉल, पुलिस नहीं कर पाई सहायता
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नई दिल्ली: राजधानी में हुई हिंसा के बीच जो कुछ हुआ, वह बहुत ही दिल दहलाने वाला था. जिसमें पूरे देश को हिलाकर रख दिया हैं. वहीं, सोमवार और मंगलवार को जिले में उपद्रवियों ने जमकर तोड़फोड़ करी थी. इस हिंसा में उपद्रवियों ने जमकर पांडव किया था. इस हिंसा के शिकार हुए लोग 100 और 112 नंबर पर कॉल कर लगातार मदद मांगते रहे थे. उपद्रवियों का शिकार हुए लोगों ने पुलिस पर गंभीर आरोप भी लगाए हैं.

उनका कहा था कि वह लगातार कई बार पुलिस नियंत्रण कक्ष को कॉल कर मदद मांगते रहे, परन्तु उनकी सुनवाई नहीं हुई थी. दूसरी और हिंसा के दो दिन में इतने कॉल पुलिस नियंत्रण कक्ष (पीसीआर) में पहुंचीं कि पुलिस उन पर कार्रवाई नहीं कर सकी. पुलिस अधिकारियों ने कहा कि सोमवार और मंगलवार को 10,820 पीसीआर कॉल मिलीं थी. 

हर मिनट पुलिस को औसतन चार कॉल्स मिल रही थीं. सूत्रों के अनुसार, पुलिस नियंत्रण कक्ष में आने वाली कुल कॉल में से लगभग 40 प्रतिशत उत्तर-पूर्वी जिले से ही आईं हैं. दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सोमवार को हिंसा के बीच उत्तर-पूर्वी दिल्ली से 3300 कॉल आई थी. वहीं, मंगलवार को इनकी संख्या 7520 के आंकड़े तक पार कर गई. औसतन पूरी राजधानी में रोज 22 हजार के लगभग पीसीआर कॉल आती हैं. सीएए और एनआरसी के विरोध और समर्थन के बहाने हुई हिंसा के वजह से 42 लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी हैं. पुलिस अधिकारियों के अनुसार सोमवार और मंगलवार को करीबन 10,820 पीसीआर कॉल मिली थी. सभी में हिंसा, आगजनी, तोड़फोड़, हमले, पथराव, गोली चलाने की बात सामने आ रही थी. वहीं, इन दो दिन में औसतन हर घंटे 225 और हर मिनट चार पीसीआर कॉल मिलीं रही थी. पुलिस सूत्रों के अनुसार, इतनी अधिक कॉल आने के वजह से उन पर कार्रवाई संभव नहीं हो सकी थी.

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