कोरोना वायरस से बचने के लिए प्रशासन हर संभव कोशिश कर रहा है. वहीं अब, कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए राजधानी भोपाल में भी प्लाज्मा थैरेपी की जल्द शुरुआत हो सकती है. शहर के दो मेडिकल कॉलेजों ने इसके ट्रायल की अनुमति इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) से मांगी है. इनमें सरकारी गांधी मेडिकल कॉलेज के अलावा एक निजी मेडिकल कॉलेज शामिल है. आईसीएमआर मेडिकल कॉलेजों के आवेदन पर 2 से 3 तीन दिनों में निर्णय ले सकता है. अनुमति मिलने पर दोनों मेडिकल कॉलेजों में प्लाज्मा थैरेपी की ट्रायल शुरू होगी. ट्रायल सफल हुआ तभी मरीजों को इस थैरेपी का इलाज मिल सकेगा.
बता दें की कोरोना वायरस के संक्रमण से ठीक होने वाले मरीजों के शरीर में वायरस के प्रति एंटी बॉडी का निर्माण हो जाता है. ऐसे मरीजों के खून में मौजूद प्लाज्मा पीड़ित मरीजों के शरीर में डाला जाता है. इससे पीड़ित मरीज के शरीर में भी वायरस के प्रति इम्यूनिटी विकसित होने की संभावना होती है. विशेषज्ञों का यह मानना है कि प्लाज्मा थैरेपी कोरोना वायरस के संक्रमण के इलाज में काफी कारगर सिद्ध हो सकती है. आपको बता दें कि आईसीएम आर ने पूरे देश के बड़े मेडिकल संस्थानों से इस अध्ययन में सहभागिता के लिए आवेदन मांगे हैं.
जानकारी के लिए बता दें की आईसीएमआर ने अब तक देश के कुछ गिने-चुने संस्थानों को ही प्लाज्मा थैरेपी के ट्रायल की अनुमति दी है. अनुमति के लिए आवेदन करने वाले चिरायु मेडिकल कॉलेज के करीब 135 मरीज वायरस के संक्रमण से ठीक होकर घर लौट चुके हैं. अनुमति मिलने पर इन मरीजों के प्लाज्मा से ट्रायल की शुरुआत हो सकती है.
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