Feb 25 2017 01:17 AM
ज्योतिषियों से ही शुभ मुहूर्त पूछकर किसी अच्छे या मांगलिक कार्यों को करना चाहिये। इसके अलावा कुछ ऐसे दिन भी रहते है जब शुभ कार्य बिल्कुल भी नहीं करना चाहिये, अन्यथा इस अवधि में किये गये शुभ या मांगलिक कार्यों का उत्तम फल प्राप्त नहीं होता है।
कब-कब नहीं करें शुभ कार्य
आषाढ़ शुक्ल एकादशी से लेकर कार्तिक शुक्ल एकादशी तक देवशयन की अवधि मानी गई है। इस अवधि को चार्तुमास भी कहा जाता है। इन चार माह के दौरान मांगलिक या शुभ कार्यों को करने पर विचार नहीं किया जाना चाहिये। इसी तरह होलाष्टक में भी शुभ कार्य वर्जित है। होलाष्टक अभी 5 मार्च से शुरू होगा। होली के आठ दिनों तक होलाष्टक रहता है। होलाष्टक के अलावा गुरू एवं शुक्र के अस्त में और भद्रा दोष में भी मांगलिक या शुभ कार्य वर्जित माने गये है। होलाष्टक और देव शयन की अवधि के बारे में तो हर किसी को भी जानकारी रहती है परंतु गुरू, शुक्र अस्त या फिर भद्रा दोष के बारे में जानकारी ज्योतिषियों से ली जाना चाहिये।
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