पटना : रॉन्ग नंबर की अब तक अपने कई घटनाएं सुनी होंगी और ये भी सुना होगा कि रॉन्ग नंबर पर लोग अक्सर महिलाओं व् लड़कियों को परेशान करते रहते है लेकिन, इस बार जो खबर हम आपको बताने जा रहे उसे पढ़कर आपको भी फक्र होगा। दरअसल रॉन्ग नंबर ने एक विधवा महिला की अंधेरी और दुखभरी ज़िंदगी में खुशियों की रौशनी भर दी है। पति की मौत और ससुरालवालों के बुरे व्यव्हार से पीडित विधवा को जीने का सहारा मिल गया।
दरअसल दिल्ली के रहने वाले राजू नाम के शख्स का बिहार के जमुई में रहने वाली रीना के पास रॉन्ग काल लग गया। पहली बार में तो रीना ने राजू को फटकार दिया लेकिन, शायद नियती को यही मंजूर था और रीना और राजू में बाते होने लगी। बातो ही बातों में दोनों के दिल एक दूसरे के लिए धड़कने लगे और दोनों में प्यार हो गया। रीना के दर्दभरी कहानी सुनकर राजू की इंसानियत जाग उठी। वह दिल्ली छोड़कर जमुई आ गया और रीना के साथ शादी रचा ली।
रीना के पहले से दो बच्चे है जिसे अब राजू ख़ुशी ख़ुशी संभाल रहा है और उनकी परवरिश में कोई कसर नही छोड़ रहा। रीना के दो बच्चे है और उसकी शादी 2001 में हुई थी लेकिन 5 साल पहले बीमारी की वजहसे रीना के पति की मौत हो गई। 2 बच्चो के लेकर जी रही रीना को ससुरालवालो का व्यवहार परेशान करने लगा। तंग आकर रीना अपने बच्चों को लेकर जमुई में रहने लगी इसी दौरान वह रॉन्ग कॉल के जरिए वह राजू के संपर्क में आई।
राजू ने रीना के खातिर दिल्ली छोड़ दिया और वह जमुई में पैंटिंग का काम कर रहा है। राजू ने बताया कि वह अनाथ है और और दूसरे धर्म का, लेकिन अब उसने रीना के बच्चों के साथ पत्नी के कौम (धर्म) को भी अपना लिया है। वह अब जमुई में रहकर ही रीना और बच्चों के साथ ज़िंदगी गुजरना चाहता है।
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