यौन संबंधों और वासना को लेकर पुरूषों की ही तरह सोचती हैं महिलाऐं
यौन संबंधों और वासना को लेकर पुरूषों की ही तरह सोचती हैं महिलाऐं
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कनाडा : अधिकांशतः कामवासना की तीव्र इच्छा होना और कामवासना या फिर यौन व्यवहार की कल्पना करना व इस पर चर्चा करना अच्छा नहीं माना जाता। इसे एक असामान्य यौन व्यवहार या फिर आवेग समझा जाता है। भारतीय समाज में इसे लेकर अलग ही मान्यता है लेकिन असलियत इससे बेहद अलग है। दरअसल यह बेहद सामान्य बात है और यह व्यवहार नैसर्गिक है। ये इच्छा केवल पुरूषों की ही नहीं बल्कि महिलाओं की भी होती है। यह बात एक शोध से सिद्ध हुई है।

दरअसल यह बात बेहद सही कही गई है कि पुरूष सेक्स को लेकर अधिक उत्साहित होते हैं मगर इसका यह अर्थ नहीं है कि महिलाएं यौन कल्पनाओं में रूचि नहीं रखती हैं। दरअसल डू क्यूबेक ए ट्रोइस - रिविरिस विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग के प्रोफेसर जोयाल ने कहा कि शोध के अंतर्गत विभिन्न महिलाओं से चर्चा की गई। उन्होंने अपनी यौन इच्छाओं को लेरक खुलकर चर्चा भी की। इस दौरान उन्होंने अपनी यौन संतुष्टि पर कई बातें जाहिर कीं।

इस दौरान उन्होंने कहा कि वे अपने यौन जीवन से संतुष्ट हैं। यही नहीं उनका मानना यह भी था कि कामुक यौन कल्पनाऐं करना असामान्य नहीं है। इस दौरान यौन रूचियों को दो भागों में बांटा गया। एक भाग को सामान्य कहा गया। जिसे नाॅर्मोफिलिक कहा गया और दूसरे को विलक्षण कहा गया जिसे पैराफिलिक कहा गया। जोयल ने यह भी कहा कि इस तरह के सर्वेक्षण से जानकारी मिली है कि वास्तविकता में पैराफिलिक व्यवहार बेहद सामान्य है। मांट्रियल विश्वविद्यालय से जुड़ी जोयाल और जूलन ने इन परिणामों हेत क्यूबेक के 1040 निवासियों पर शोध भी किया और उनसे चर्चा भी की। 

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