अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस : अपने काम से बनी महिलाओं की पहचान
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस : अपने काम से बनी महिलाओं की पहचान
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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को लेकर जिस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं उनमें खेल, राजनीति, व्यापार, वित्त, कारोबार, पुलिस, प्रबंधन आदि क्षेत्रों में खुद को स्थापित करने वाली महिलाओं की बातें की जा रही हैं। ऐसी कुछ महिलाऐं हैं जिन्होंने खुद को अपने क्षेत्र में स्थापित किया है। इन महिलाओं में लता मंगेशकर, पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी, सानिया मिर्जा, साइना नेहवाल, कल्पना चावला, ऐश्वर्या राय, प्रियंका चोपड़ा, पेप्सिको की इंदिरा नूयी, आईसीआईसीआई बैंक की वरिष्ठ अधिकारी चंदा कोचर, अंतर्राष्ट्रीय भारतीय महिला क्रिकेटर अंजुम चोपड़ा आदि के नाम शामिल हैं। ये महिलाऐं अपने कुशल प्रबंधन से अपने क्षेत्र में बेहतर योगदान प्रदान कर रही हैं। इनमें से कुछ महिलाओं का योगदान तो बड़ा ही निराला रहा है। जिनमें कुछ हैं - 

लता मंगेशकर - भारत रत्न और स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर मूलतः मध्यप्रदेश के इंदौर से संबंधित रही हैं। बाद में उनका परिवार मुंबई में बस गया। हालांकि उनका समय गरीबी में बीता। उस दौर में अभाव और जागृति न होने के कारण वे अधिक पढ़ - लिख नहीं सकीं लेकिन उन्होंने परिवार की जिम्मेदारी निभाते हुए स्वयं को स्थापित किया और कई लव सांग्स के ही साथ देशभक्ति गीत भी गाए। उन्होंने ऐसे देशभक्ति गीत और भक्ति गीत गाए जिन्होंने आत्मा के तार परमात्मा से जोड़े तो सीमा पर शहीद होने वाले सैनिकों के प्रति नागरिकों को अपने कर्तव्यों को लेकर जागरूक किया। सही अर्थों में यह उनकी एक बड़ी देश सेवा रही। उन्होंने उस दौर में फिल्मों में अभिनय भी किया जिसमें फिल्म जगत में काम करना अच्छा नहीं माना जाता था खासकर लड़कियों के लिए यह क्षेत्र अच्छा नहीं था। ऐसे में परिवार की जिम्मेदारी संभालना और संगीत के क्षेत्र में अपनी कला से लोगों को अच्छी अनुभूति देना एक बड़ा काम था। उनसे प्रेरणा लेकर बाद में कई ऐसी गायिकाऐं हुईं जिन्होंने बाॅलीवुड में स्वयं को स्थापित करने का प्रयास किया। उनकी बहन आशा भोंसले और उषा मंगेशकर का भी संगीत के क्षेत्र में अच्छा दखल रहा उन्होंने भी अपनी बहन से प्रेरणा लेकर संगीत के क्षेत्र में अपना योगदान दिया। 

भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी - भारत की भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी को यूं तो भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू की पुत्री होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। बचपन से ही उन्होंने स्वाधीनता संग्राम सेनानियों और देश के कर्णधारों को सुना। राजनीति का उनके बचपन से ही गहरा नाता रहा। उनके पिता जवाहर लाल नेहरू ने उनके लिए जेल से जो पत्र लिखे थे उन्होंने उनके जीवन में अहम भूमिका निभाई। स्व. प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने राजनीति में अहम योगदान दिया। उन्होंने राष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया तो दूसरी ओर भारत - पाकिस्तान युद्ध को लेकर उन्होंने बहुत ही महत्वपूर्ण निर्णय लिए। आॅपरेशन ब्लू स्टार के साथ ही खालिस्तान की मांग करने वाले भिंडरावाला को लेकर की जाने वाली कार्रवाई से अलग खालिस्तान की मांग कमजोर पड़ी हालांकि इसका खामियाजा उन्हें वर्ष 1984 में अपनी जान देकर गंवाना पड़ा लेकिन राष्ट्र के लिए यह उनकी एक बड़ी आहूति रही। उन्हें वर्ष 1971 में आपतकाल लगाने के लिए भी जाना जाता है। 

सानिया मिर्जा  - भारतीय टेनिस सनसनी सानिया मिर्जा ऐसे दौर में टेनिस की खिलाड़ी बनकर सामने आईं जब टेनिस को पुरूषों और उच्च वर्ग का खेल ही माना जाता था। सानिया ने टेनिस का रैकेट थामकर कोर्ट में पसीना बहाया जो कि भारत के लिए सोना बनकर उभरा। सानिया ने साबित किया कि यह खेल लड़कियों का भी है। टीशर्ट,हाफ कैप और स्पोर्टस की शाॅर्ट यूनिफाॅर्म पहनने को लेकर वे कई बार निशाने पर रहीं लेकिन वर्तमान में सानिया मिर्जा की तरह नाक की बाली पहनकर गाॅगल चश्मा लगाना लड़कियों के लिए फैशन बन गया। सानिया मिर्जा  ने कई अंतर्राष्ट्रीय मैचों के माध्यम से स्वयं की प्रतिभा को प्रदर्शित किया और भारत के लिए विंबलडन जैसे मैचों में सफलता हासिल की। 

साईना नेहवाल - साईना नेहवाल की कहानी भी कुछ ऐसी ही रही। बैंडमिंटन में अपर्णा पोपट और पुलेला गोपीचंद की चुनौतियों के बाद साईना ने देश के लिए कई उन्नत मुकाबले खेले और जीते। साईना ने बैडमिंटन को घर - घर तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। साईन के बैडमिंटन रैकेट थामने के बाद कई घरों में बैडमिंटन के छोटे - छोटे कोर्ट लड़कियों के लिए बनाए जाने लगे जहां लड़कियां शाम के समय और सुबह के समय शटल काॅक और रैकेट लेकर यह खेल खेला करती थी। भारत के इस खेल को साईना ने लोकप्रिय बनाया तो भारत जैसे देश का नाम ओलिंपिक और कई टूर्नामेंट में चमकाया। 

कल्पना चावला - अमेरिका ने एक महत्वपूर्ण अंतरिक्ष मिशन के तहत अपना यान भेजा था। यह अभियान सफल रहा लेकिन जब ये अंतरिक्ष यात्री वापस धरती पर लौट रहे थे इसी दौरान इनका यान खराब हो गया और इसके पुर्जे के हवा में घर्षण से संपर्क में आने के चलते अग्नि से क्षतिग्रस्त हो गए। यही नहीं इसके चलते अंतरिक्ष यात्री दुर्घटना के शिकार हुए लेकिन भारत के पंजाब मूल की यह पुत्री अमेरिका के ही साथ अंतर्राष्ट्रीय जगत में जानी गई। कल्पना की उड़ान ने कई लड़कियों को अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाने के लिए प्रेरित किया। कल्पना का संघर्ष भी आम लडकियों की तरह था लेकिन उनकी उड़ान अंतरिक्ष के अनंत रहस्यों की तरह अनंत थी। 


प्रियंका चोपड़ा - विश्व सौंदर्य स्पर्धा से विश्व में भारतीय सौंदर्य का जादू समूचे विश्व में बिखेरने वाली लड़की प्रियंका चोपड़ा आज के दौर में बाॅलीवुड की स्टार अभिनेत्री हैं। अपने अभिनय से प्रियंका ने दर्शकों का मन तो मोहा ही उन्होंने कई महत्वपूर्ण विषयों पर लोगों को जागरूक किया। अपने फिल्मी अभिनय से उन्होंने जय गंगाजल जैसी फिल्म में पुलिस अधिकारी का किरदार निभाया तो फिल्म बाजी राव मस्तानी में काशी बाई के चरित्र को निभाकर एतिहासिक किरदार को जीवंत किया। उनके अभिनय ने कई बार दर्शकों को रोमांचित किया तो कई मसलों पर जागरूक भी किया। 

ऐश्वर्या राय - विश्व की सुंदर महिलाओं में शामिल और विश्व सुंदरी का खिताब अपने नाम करने वाली बाॅलीवुड की नामचीन और स्टार एक्ट्रेा ऐश्वर्या राय ने सौंदर्य से अभिनय तक अपना नाम कमाया यही नहीं उन्होंने दर्शकों के सामने कई तरह के उदाहरण प्रस्तुत किए। कई सामाजिक अभियानों में भागीदारी की। यही नहीं उन्होंने आई बैंक एसोसिएशन आॅफ इंडिया के साथ जुड़कर उनके नेत्रदान अभियान को सहयोग भी दिया।

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