भिंड: सरकारी व्यवस्थाओं की पोल एक बार फिर उस समय खुल गई है, जब एक प्रसूता को आॅटो में ही बच्चे को जन्म देना पड़ गया। बताया गया है कि प्रसूता को अस्पताल ले जाने के लिये एम्बुलेंस नहीं मिली थी, इस कारण मजबूरी में उसके परिजन आॅटो में ही उसे अस्पताल ले गये, लेकिन रास्ते में ही प्रसूता को प्रसव पीड़ा हुई और उसने अस्पताल पहुंचने के पहले ही बच्चे को जन्म दे दिया।
परिजनों का आरोप है कि अस्पताल से एम्बुलेंस मंगवाई गई थी, लेकिन देर तक जब एम्बुलेंस नहीं आई तो फिर प्रसूता को मजबूरीवश आॅटो में अस्पताल ले जाना पड़ा। मामला भिंड से करीब पांच किलोमीटर दूर स्थित कुरथरा गांव की रहने वाली सुनीता से जुड़ा हुआ है। बताया गया है कि सुनीता को सोमवार की रात प्रसव पीड़ा हुई थी। उसने इसकी जानकारी अपने पति डरू को दी तो उसने अस्पताल में एम्बुलेंस मंगवाने के लिये फोन किया, लेकिन न तो अस्पताल में किसी ने फोन उठाया और न ही इमरजेंसी नंबरों पर ही फोन उठाना मुनासीब समझा गया।
पत्नी की स्थिति को देखते हुये डरू ने रात को एक आॅटो को तलाशा और फिर वह पत्नी को अस्पताल लेकर रवाना हुआ ही था कि रास्ते में प्रसव पीड़ा के चलते सुनीता ने बच्चे को जन्म दे दिया। बताया गया है कि अस्पताल में लाने के बाद भी सुनीता को देर तक चिकित्सकीय मदद नहीं मिली। बाद में मैटरनिटी स्टाफ ने आॅटो के बाहर ही नाल काट दिया। हालांकि यहां के जिम्मेदारों का कहना है कि स्थिति ऐसी नहीं थी कि बच्चे और प्रसूता को एक साथ अस्पताल के अंदर लाया जाता, इसलिये बाहर ही नाल काटना पड़ी। वैसे इसके बाद दोनों को भर्ती कर लिया गया।
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