क्या आपने कभी ऐसा सुना या देखा हैं की किसी जानवर को खाना खिलाने पर भी जुर्माना लग सकता है? तो इसका जवाब है- हां, बिलकुल लग सकता है. अमेरिका में एक महिला के साथ कुछ ऐसा ही हुआ है. उसने भूख से बेहाल तीन हिरणों को अपने घर के लिविंग रूम में बुलाकर खाना खिलाया हैं, लेकिन यह बात जब वन्य जीव अधिकारियों को पता चली तो इस 'अपराध' के लिए उसपर 39 हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया. ये महिला कोलोराडो की रहने वाली है. दरअसल, हिरणों का एक झुंड खाने की तलाश में उसके घर के पास आ गया, जिसके बाद उसने उन्हें अपने घर में बुलाया और उन्हें ब्रेड और फल खाने को दे दिए. इस दौरान महिला ने अपने हाथों से हिरण को ब्रेड भी खिलाया. सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो भी वायरल हुआ है.
वीडियो के कैप्शन में लिखा गया है, 'जंगली जानवरों को खिलाना इंसान और जानवर दोनों के लिए बेहद ही खतरनाक है और गैरकानूनी भी, इसे रोकने की जरूरत है. ये जानवर पालतू नहीं हैं. ' कोलोराडो पार्क्स एंड वाइल्डलाइफ ने भी इस घटना को ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा है कि कुछ लोग सोचते हैं कि हिरण को घर बुलाना और उन्हें खाना खिलाना सही है, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है, यह गैरकानूनी है. वन्य अधिकारियों के अनुसार, जंगली जानवरों को पालतू बनाना कानून के खिलाफ है. चूंकि उन्हें ब्रेड या फल खाने की आदत नहीं होती है, इसलिए अगर हिरणों का झुंड घर के पास या दरवाजे तक आता है तो उन्हें खाना खिलाने के बजाए अकेला छोड़ देना चाहिए. अधिकारियों का कहना है कि कोलोराडो में ज्यादातर हिरण शेर का शिकार होते हैं और अगर ये खाने के लालच में इंसानी बस्तियों के आसपास घूमेंगे तो वहां शेर के आने की संभावना भी बढ़ सकती हैं.
These egregious acts of feeding wildlife need to stop. It is selfish and dangerous, for both the animals and people, plus it is illegal.
— CPW NE Region (@CPW_NE)
Let wildlife be wild, these animals are not pets.
Some people think it's totally fine to lure deer into their home and feed them.
— Colorado Parks and Wildlife (@COParksWildlife)
Guess what. It's not.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हिरणों को घर बुलाकर खाना खिलाने वाली महिला लोरी डिक्शन ने कहा हैं कि वह पेशे से एक वेटनरी तकनीशियन हैं और कई जानवरों के साथ वक्त बिताया है. उनका कहना है कि अगर कोई जानवर उनके पास आता है तो वो उसे भगाने के बजाए उसकी मदद करती हैं, क्योंकि यही उनकी पहचान है.