जुनूनीयत और स्थिर मन से हमें हर एक पल के बारे में सोचना चाहिए - पद्मजा भारती
जुनूनीयत और स्थिर मन से हमें हर एक पल के बारे में सोचना चाहिए - पद्मजा भारती
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जीवन में भिन्न भिन्न प्रकार के रूपक होते हैं। कुछ शोभनीय और कुछ अपमानजनक। बेस्टसेलिंग ऑथर पद्मजा भारती की कहानी भी अन्य लोगों से ज्यादा अलग नहीं पर वाकई सहरानीय है। यूँ तो पद्मजा भारती ने सदा ही अपने जीवन में धीरज का आलिंगन किया, पर हमेशा ही उन्हें भविष्य की जिज्ञासा रहती है की पता नहीं आगे का समय उनके जीवन में प्रकाश लाएगा या अँधेरा, पता नहीं जिंदगी उन्हें सुन्दर रास्ते की ओर ले जाएगी या ख़राब समय की ओर।

पद्मजा भारती ने अपनी दोनो किताबों से  खूब प्रशंसा बटोरी। उनकी पहली पुस्तक का नाम है वॉन्डरिंग ऑफ़ इंडियन इंटेरनशनल एथिक्स है जिसमें उन्होंने सात चैप्टर्स के माध्यम से दर्शाया की आज के दौड़ भाग वाले समय में शांति, स्थिरता और ठहराव की कितनी आवश्य्कता है। किस तरह व्यावहारिक नैतिकता को कूटनीति का आधार बनाने की जरुरत आज की आधुनिक दुनिया को है। समस्त विश्व में मौलिक नैतिकता वाली सोच को बढ़ावा देने का सन्देश इस सुन्दर किताब के सातों असंबंधित अध्ध्याय देतें हैं। पाठकों की समीक्षा (ऑनलाइन रिव्यु) पढ़कर ही अंदाजा लगाया जा सकता है की पद्मजा भारती अपना रमणीय विवरण कितनी सफलता से लिखती हैं। 

पद्मजा की दूसरी पुस्तक का प्रक्षेपण सितम्बर २०२० में हुआ। राइम ऑफ़ टाइम नाम से प्रमोचित यह एक उत्कृष्ट कविताओं का संग्रह है जिसमे कवयित्री ने बड़ी कुशलता से अपनी मूल भावनाओं को अपने स्थिर और धैर्य मन से जोड़कर पाठको के सामने प्रस्तुत किया है। अंग्रेजी भाषा के कुछ सरल व कुछ जटिल शब्दों का इस्तेमाल करके पद्मजा ने अपनी काली और सफ़ेद यादों को सामान्य भावनाओं से जोड़कर पिरोया है। प्रकृति और मानवीय व्यवहार का उलझा हुआ गहरा सम्बन्ध पद्मजा भारती ने काफी सराहनीय ढंग से प्रस्तुत करा है।  

पद्मजा बताती हैं की उनकी पुस्तकें अमेज़न इंडिया के बेस्टेलर लिस्ट में शामिल हैं और किंडल व पेपरबैक फॉर्मेट दोनों में उपलब्ध हैं। जल्द ही उनकी किताबें प्रमुख बुक स्टोर जैसे क्रॉसवर्ड, लैंडमार्क आदि में भी उपलब्ध होंगी। पाठकों के रेवियूस पढ़कर सहज रूप में पद्मजा काफी उत्साहित हैं। उन्होंने बताया की जब वह एक छोटी सी कन्या थीं तब उनकी आदत थी बहुत सारे सवाल करने की। उनके विचार बचपन से ही काफी क्रांतिकारी थे। एक गुस्सैल चिड़िया से सुलझी हुई महिला बनने का उनका सफर काफी प्रशंसनीय है।

बालपन में तरह तरह के सवाल करने वाली पद्मजा का सवालो का सिलसिला युवा अवस्था तक नहीं थमा। यह सभी सवाल भी उनके खुद के ही गंभीर व गहरे विचारो से प्रेरित होते हैं। वह हमेशा से ही एक नये स्तर की सोच जागृत करना चाहती थीं। उनकी इच्छा शक्ति ने ही उन्हें एक लेखक बनाया।  उनकी दिलचस्पी सदैव ही एक नये क्षितिज की खोज थी जिसमें अनंत विचारों का सागर हो।  सफलता को ही वे ख़ुशी की तलाश का पूरा होना मानती हैं। 

पद्मजा भारती के शब्दों में, "समय समय की बात है, लोग महिमा को सफलता मानते हैं, पर मेरे लिए महिमा सफलता नहीं, बल्कि परिभाषित करने के लिए एक यात्रा है। अपनी जुनूनीयत और स्थिर मन से ही हमें हर एक पल के बारे में सोचना चाहिए। अँधेरी भोर से दिमाग को अव्यवस्थित नहीं होना चाहिए।  पर हाँ, एक चीज़ जो हमेशा मेरी उपस्थिति को परिभाषित करती है, वो है मेरी इच्छा शक्ति। कभी भी आशा का दामन नहीं छोड़ो, हमेशा भगवान पर भरोसा रखो।"

जान लें की पद्मजा भारती निफ्ट कोलकाता से फैशन डिज़ाइनर हैं और कुछ प्रसिद्ध डिज़ाइन कंपनियों में भी काम कर चुकी हैं। जहाँ आज के युवा ऑनलाइन गेम्स में अपना समय व्यतीत करते हैं, वहीँ पद्मजा भारती जैसे होनहार और मेहनती जैसे युवा अपनी प्रतिभा के दम पर देश विदेश में खूब धूम मचाने का सोचते हैं। यह अपने आप में बहुत बड़ी बात है। 

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