ईद पर कुर्बानी दे सकेंगे या नहीं मुस्लिम? सरकार ने लिया ये फैसला
ईद पर कुर्बानी दे सकेंगे या नहीं मुस्लिम? सरकार ने लिया ये फैसला
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देहरादून: उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हरिद्वार जिले में पुष्कर सिंह धामी सरकार की तरफ से बूचड़खानों पर लगाई गई पाबंदी को हटा दिया है। बूचड़खानों को पूर्ण रूप से बंद करने के खिलाफ उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हरिद्वार जिले के मैंगलोर इलाके में मुस्लिम समुदाय को ईद की कुर्बानी देने की इजाजत दे दी है। हालांकि सुनवाई के चलते अदालत ने मैंगलोर नगर पालिका एवं याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिया है कि बकरीद पर कुर्बानी केवल बूचड़खाने में ही की जाएगी।

चीफ जस्टिस विपिन सांघी एवं जस्टिस आरसी खुल्बे की बेंच ने निर्देश दिया कि 10 जुलाई को केवल मंगलौर में ही मुस्लिम धर्म के लोग पशुओं की बली दे सकेंगे। ये भी स्पष्ट किया कि पशुओं की बलि मान्यता प्राप्त बूचड़खाने में ही की जाएगी, न कि गलियों और मोहल्लों में।

आपको बता दें कि मार्च 2021 में हरिद्वार के सभी क्षेत्रों को बूचड़खाना मुक्त घोषित कर दिया गया था। सरकार की तरफ से ये आदेश कुंभ को लेकर किया गया था। उस समय हरिद्वार जिले के बीजेपी विधायकों ने तत्कालीन सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को चिट्ठी लिखकर हरिद्वार में संचालित बूचड़खानों पर पाबंदी लगाने की मांग की थी। तत्पश्चात, राज्य सरकार ने जिले के दो नगर निगमों, दो नगर पालिकाओं एवं पांच नगर पंचायतों में चल रहे बूचड़खानों को जारी एनओसी को कैंसिल कर दिया गया था। याचिकाकर्ताओं की तरफ से बकरीद को देखते हुए प्रदेश सरकार के आदेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। याचिका में ये कहा गया था कि मंगलौर में लगभग 90 फीसदी मुस्लिम समुदाय के लोग रहते हैं, इसलिए बकरीद पर मंगलौर में मुस्लिम समुदाय को कुर्बानी की अनुमति प्राप्त हो।

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