'सनातन धर्म को ख़त्म करेंगे..', कहने वाली DMK ने तेलंगाना चुनाव में किया 'कांग्रेस' के समर्थन का ऐलान !
'सनातन धर्म को ख़त्म करेंगे..', कहने वाली DMK ने तेलंगाना चुनाव में किया 'कांग्रेस' के समर्थन का ऐलान !
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चेन्नई: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली पार्टी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) ने मंगलवार को कहा कि उसने 30 नवंबर को होने वाले तेलंगाना विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का समर्थन करने का फैसला किया है। DMK ने एक बयान में कहा कि उसके सभी कार्यकर्ताओं को चुनाव लड़ रहे कांग्रेस उम्मीदवारों को जिताने के लिए काम करना चाहिए।

बता दें कि, DMK तमिलनाडु में कांग्रेस की गठबंधन सहयोगी है और दोनों पार्टियां अगले साल के लोकसभा चुनावों में भाजपा से मुकाबला करने के लिए गठित विपक्षी INDIA गुट का भी हिस्सा हैं। DMK का यह कदम YSR तेलंगाना पार्टी की घोषणा के कुछ दिनों बाद आया है कि वह 30 नवंबर को होने वाला तेलंगाना विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेगी। बता दें कि, हाल ही में DMK तब देशभर में सुर्ख़ियों में आई थी, जब उसके नेताओं ने सनातन धर्म के समूल नाश का आह्वान किया था। इसकी शुरुआत खुद सीएम स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने विवादित बयान देकर किया था। उदयनिधि ने कहा था कि, ''सनातन धर्म, डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारी है, इनसे बचाव नहीं किया जाता, इन्हे ख़त्म किया जाता है और इसी तरह हमें सनातन धर्म को भी समूल खत्म करना है।'' उस समय कार्ति चिदंबरम और प्रियांक खड़गे जैसे कांग्रेस नेताओं ने भी उदयनिधि का समर्थन किया था और अब एमके स्टालिन ने तेलंगाना चुनाव में कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है।       

वहीं, अपने पार्टी कार्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी की बहन वाईएस शर्मिला ने कहा कि यह निर्णय यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया था कि कांग्रेस का वोट विभाजित न हो जैसा कि कई सर्वेक्षणों में बताया गया है। उन्होंने कहा कि जब राज्य में सत्ता परिवर्तन की संभावना है तो वह सरकार विरोधी वोटों को बांटकर बाधा नहीं बनना चाहतीं। शर्मीला ने कहा कि, "इस उद्देश्य का समर्थन करने के लिए, वाईएसआर तेलंगाना पार्टी ने एक बहुत ही महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। BRS की आसन्न हार की पटकथा में, यह महसूस किया गया कि कांग्रेस पार्टी के पास KCR को सत्ता से हटाने का एक अच्छा मौका है और इस स्तर पर सत्ता विरोधी वोटों का कोई भी विभाजन एक बाधा होगा।''  बता दें कि, विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस), कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने की उम्मीद है। 119 सदस्यीय तेलंगाना विधानसभा के लिए वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी.

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