खरमास में मौत होना है बहुत अशुभ, जानिए क्या है वजह?
खरमास में मौत होना है बहुत अशुभ, जानिए क्या है वजह?
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हर काम के लिए हिन्दू धर्म में शुभ समय तथा उसे करने का उचित तरीका बताया गया है। मृत्‍यु के पश्चात् के संस्‍कारों को लेकर भी पुराणों-शास्‍त्रों में काफी सारी बातें बताई गईं हैं। साथ ही उन्‍हें करने का उचित वक़्त, तरीका एवं नियम बताए गए हैं। हालांकि मृत्‍यु के वक़्त पर किसी का वश नहीं चलता है, फिर भी मौत को लेकर कुछ शुभ-अशुभ वक़्त बताए गए हैं। शास्‍त्रों के अनुसार, अगर शुभ वक़्त में मृत्‍यु हो तो मृतक की आत्‍मा को सद्गति प्राप्त होती है। वहीं पंचक काल जैसे अशुभ वक़्त में मरना मृतक के परिवार पर बड़ा खतरा लाता है। इसी प्रकार मृत्‍यु के लिए खरमास के माह को भी काफी अशुभ माना जाता है। 

खरमास में हो मौत तो मिलता है नर्क:- 
खरमास में सूर्य धनु राशि में रहता है तथा इस के चलते उसका तेज कम हो जाता है। इस वजह से इस माह में किए गए कामों में कामयाबी नहीं मिलती हैं। इस माह को मलमास भी बोला जाता है। पुराणों के अनुसार, जिस शख्स की मृत्‍यु खरमास में होती है, उसे नर्क में जगह प्राप्त होती है। इसलिए इस माह में मृत्‍यु होने को अच्‍छा नहीं माना जाता है। यहां तक कि महाभारत युद्ध में अर्जुन के बाणों से छलनी हुई परमवीर भीष्‍म पितामह ने भी अपनी आत्मा त्‍यागने के लिए सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने तक प्रतीक्षा की थी। तत्पश्चात, मकर संक्रांति के दिन भीष्‍म पितामह ने अपने प्राण त्‍यागे थे। दरअसल, उन्‍हें अपनी इच्‍छा से प्राणों को त्‍याग करने का वरदान प्राप्त हुआ था। 

खरमास में वर्जित हैं यह काम:-
खरमास माह में शुभ कामों को भी वर्जित माना गया है। इसलिए इस के चलते शादी, मुंडन, गृह प्रवेश, निर्माण, नया कारोबार आरम्भ करने जैसे काम नहीं किए जाते हैं। इस वर्ष यह माह 16 दिसंबर 2021 से 14 जनवरी 2022 तक रहेगा। 

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