भगवान विष्णु ने क्यों दिया माता लक्ष्मी को श्राप
भगवान विष्णु ने क्यों दिया माता लक्ष्मी को श्राप
Share:

अब तक आपने पढ़ा की कैसे विष्णु जी के श्राप देने के बाद लक्ष्मी उनका इंतज़ार कर रही थी.अब उससे आगे की कहानी -

इतना कहकर भगवान शिव अंतर्धान हो गए. कैलाश पहुंचकर भगवान शिव विचार करने लगे कि विष्णु को कैसे अश्व बनाकर लक्ष्मी जी के पास भेजा जाए. अंत में, उन्होंने अपने एक गण-चित्ररूप को दूत बनाकर विष्णु के पास भेजा. चित्ररूप भगवान विष्णु के लोक में पहुंचे. भगवान शिव का दूत आया है, यह जानकर भगवान विष्णु ने दूत से सारा समाचार कहने को कहा. दूत ने भगवान शिव की सारी बाते उन्हें कह सुनाई.

अंत में, भगवान विष्णु शिव का प्रस्ताव मानकर अश्व बनने के लिए तैयार हो गए. उन्होंने अश्व का रूप धारण किया और पहुंच गए यमुना और तपसा के संगम पर जहां लक्ष्मी जी

अश्वी का रूप धारण कर तपस्या कर रही थी. भगवान विष्णु को अश्व रूप में आया देखकर अश्वी रूप धारी लक्ष्मी जी काफी प्रसन्न हुई.दोनों एक साथ विचरण करने लगे. कुछ ही समय पश्चात अश्वी रूप धारी लक्ष्मी जी गर्भवती हो गई. सही समय अश्वी के गर्भ से एक सुन्दर बालक का जन्म हुआ. तत्पश्चात लक्ष्मी जी वैकुण्ठ लोक श्री हरि विष्णु के पास चली गई.

वट वृक्ष की महानता

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -