आप सभी को बता दें कि आज ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है और आज की एकादशी को निर्जला एकादशी के नाम से जाना जाता हैं. वहीं इस एकादशी को साल में आने वाली 24 एकादशियों में सबसे श्रेष्ठ मानते हैं और आज के दिन बगैर पानी पिएं व अन्न के व्रत करते हैं. ऐसे में इस व्रत में भगवान विष्णु की अराधना करते हैं और निर्जला एकादशी में भगवान विष्णु की पूजा के साथ ही कुछ बातों को ध्यान में रखना भी जरुरी है. कहा जाता है अगर इस व्रत में अंजाने में कोई गलती हो जाए तो वह भारी पड़ सकती है. जी हाँ, इसी वजह से यहाँ बताई बातों को ध्यान में रखना जरुरी है.
कहते हैं निर्जला एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा करने से पुण्य फल मिलता है और इसी के साथ ही आज का व्रत बगैर पानी पिये किया जाता है जिस कारण से इसका नाम ही निर्जला एकादशी है. आप सभी को बता दें कि इस व्रत को करना त्याग की भावना को दर्शाता है. वहीं निर्जला एकादशी पर अन्न व जल ग्रहण नहीं किया जाता है, इसका सबसे बड़ा कारण भगवान को धन्यवाद देने से हैं. इसी के साथ ही किसी जरुरतमंद को दान करने से भी लाभ मिलता है और ऐसी धारणा भी है कि निर्जला एकादशी के दिन मन में शुद्ध भाव रखें.. जी हाँ, आज किसी की बुराई ना करें और साथ ही बड़ों का अपमान ना करें.
कहते हैं एकादशी के दिन चावल नहीं खाना चाहिए और न ही घर में चावल बनाना चाहिए क्योंकि चावल खाने वाले को प्राणी रेंगने वाले जीव की योनि में जन्म लेना पड़ता है. इसी के साथ चावल से जुड़ी एक और मान्यता है. कहते हैं चावल का संबंध जल से है और जल चंद्रमा से प्रेरित होता है और एकादशी के दिन चावल खाने से पांचों ज्ञान इन्द्रियां और पांचों कर्म इन्द्रियों का मन पर अधिकार नहीं रहता है.
सोमवार को जरूर करें शिव चालीसा का पाठ