वाशिंगटन: न्यूयॉर्क में सलमान रुश्दी पर हुए हमले के बाद पूरे विश्व के बुद्धिजीवी इस घटना पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। लेकिन, इसी बीच कुछ कट्टरपंथियों ने सलमान रुश्दी पर हुए हमले का जश्न मनाना शुरू कर दिया है। वहीं, कुछ लोगों को दुख है कि उन्होंने अब तक दम क्यों नहीं तोड़ा। सोशल मीडिया पर कई जगह ऐसे ट्वीट देखने को मिल रहे हैं, जिनमें कहीं कट्टरपंथी इस हमले की बढ़ाई कर रहे हैं, तो कहीं कह रहे हैं कि ये डर अच्छा है।
हमले से पहले सलमान रुश्दी ने एक इंटरव्यू में कहा था- जिंदगी पहले की तुलना में सामान्य चल रही है...https://t.co/PN9aX3QszX pic.twitter.com/XjbOA2avmg
— BBC News Hindi (@BBCHindi) August 13, 2022
BBC द्वारा सलमान रुश्दी पर हुए हमले को लेकर प्रकाशित की गई रिपोर्ट पर भी आप कट्टरपंथियों के नफरत भरे कमैंट्स देख सकते हैं। इस रिपोर्ट में BBC ने बताया था कि रुश्दी का जीवन सामान्य चल रहा है। इसके नीचे शोएब अली ने कमेंट करते हुए लिखा कि, 'हाँ अब जिंदगी डर में चलेगी।' वहीं सोहेल रजा ने लिखा कि, 'अभी है? कि…'
यही नहीं, सलमान रुश्दी पर हुए हमले के वीडियो के नीचे भी कट्टरपंथियों की नफरत देखी जा सकती है। एक यूजर ने कमेंट किया है कि, 'मरा क्या कमीना?' तो आतिफ असलम नामक यूज़र ने रुश्दी के जिंदा होने पर भी निराशा जताते हुए लिखा कि, 'कमीना जिंदा है अब तक।'
सलमान रुश्दी पर न्यूयॉर्क में जानलेवा हमला… pic.twitter.com/B56qoIiEW1
— Ashraf Hussain (@AshrafFem) August 12, 2022
कट्टरपंथी महिलाएं भी इसमें पीछे नहीं रहीं, शीबा ने लिखा कि, 'बढ़िया है! मर जाता तो ठीक था।' अब्दुल माजिद ने लिखा कि, 'देर आए दुरुस्त आए'। शरीक मोहसिन ने लिखा है, 'बच गया होगा कुत्ता।' शाहिद ने तो इस हिंसा को जायज बताते हुए लिखा कि, 'पहले तो ये लोग जानबूझ कर इस्लाम के खिलाफ बोलते है, गलियाँ देते है या अल्लाह और उसके रसूल की शान में गुस्ताखियाँ करते हैं, फिर कुछ होता है तो विक्टिम कार्ड खेलते हैं। ऐसे गुस्ताख लोग अपने ऊपर होने वाली हिंसा के लिए खुद जिम्मेदार है। अगर ये गुस्ताखी न करता तो ऐसा न होता।'
पहले ये लोग जानबूझ कर इस्लाम के खिलाफ बोलते है गलियां देते है या अल्लाह और उसके रसूल की शान में गुस्ताखियां करते है फिर कुछ होता है तो विक्टिम कार्ड खेलते है।
— Er_shahid_X² (@1651Shahid) August 13, 2022
ऐसे गुस्ताख लोग अपने ऊपर होने वाली हिंसा के लिए खुद जिम्मेदार है।
अगर ये गुस्ताखी न करता तो ऐसा न होता#SalmanRushdie https://t.co/g5lOzehsFq
बता दें कि विवादित किताब द सैटेनिक वर्सेज (The Satanic Verses) के लेखक सलमान रुश्दी पर हुए हमले के बाद वह अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं। इस हमले से भारत में नुपूर शर्मा को लेकर भी चिंताएँ बढ़ गई हैं, जिन्हे लगातार बलात्कार और हत्या की धमकियां मिल रहीं हैं। वहीं, बांग्लादेश से भागकर भारत आईं लेखिका तस्लीमा नसरीन भी डरी हुई हैं। उन्होंने एक ट्वीट करते हुए बताया है कि कैसे इस्लाम की आलोचना करने वाले 7वीं सदी में भी मारे जाते थे और आज 21वीं सदी पर भी वे मारे जा रहे हैं।
Critics of Islam were first killed in the 7th century. They still get killed in the 21st century. They will continue to be killed until Islam is reformed, free speech is allowed, violence is denounced, the breeding ground for extremism is demolished, no book is considered holy.
— taslima nasreen (@taslimanasreen) August 13, 2022
तस्लीमा नसरीन ने अपने ट्वीट में लिखा कि, 'इस्लाम के आलोचक पहली दफा 7वीं शताब्दी में मारे गए ते और 21वीं सदी में भी वह मारे जाते हैं। ये लोग तब तक मारे जाते रहेंगे जब तक इस्लाम सुधरता नहीं, उसमें अभिव्यक्ति की आज़ादी को अनुमति नहीं मिलती, हिंसा की निंदा नहीं की जाती, कट्टरपंथियों के बनने की जमीं नहीं ध्वस्त होती और कोई किताब पवित्र मानी जानी बंद नहीं हो जाती।'
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