लखनऊ: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के चीफ और हैदराबाद से लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी की कार पर फायरिंग के मामले में पुलिस ने कई बड़े खुलासे किए हैं. पुलिस के अनुसार, आरोपियों के पास से जब्त की गईं दोनों पिस्टलें कंट्री मेड हैं. सचिन ने कुछ दिनों पहले ही हथियार खरीदा था. पुलिस हथियार बेचने वाले की गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है.
फायरिंग करने वाला आरोपी सचिन ओवैसी का लगभग हर भाषण सुनता है. पुलिस अधिकारियों के अनुसार, दोनों आरोपी ओवैसी की मेरठ की सभा में भी उपस्थित थे. पुलिस अब मेरठ में सभा स्थल के आस पास के CCTV फुटेज की जांच करेगी. पुलिस सूत्रों के अनुसार, दोनों आरोपी बीते कई दिनों से ओवैसी का पीछा कर रहे थे. हमले की ताक में वे ओवैसी की सभाओं में जाया करते थे. उन्होंने वारदात को अंजाम देने के लिए पूरी योजना बना ली थी. प्लान ये भी था कि गोलीबारी के बाद दोनों भीड़ से बचने के लिए सीधा पुलिस स्टेशन चले जाएंगे. मगर ओवैसी के ड्राइवर के गाड़ी आगे बढ़ा लेने की वजह से ये प्लान फेल हो गया.
आरोपी सचिन ने पूछताछ में बताया की वह ओवैसी और उसके भाई के भाषणों से काफी नाराज था. दोनों आरोपियों को लगता है की ओवैसी भाई उनकी आस्था के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. दोनों आरोपियों से पूछताछ करने वाले अधिकारी ने बताया की दोनों वैचारिक रूप से बेहद कट्टर हैं. इस मामले में दोनों आरोपियों को अरेस्ट कर लिया गया है. पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया, तो दूसरे ने गाजियाबाद थाने में खुद आत्मसमर्पण कर दिया. हापुड़ के पुलिस अधीक्षक दीपक भुकर ने बताया कि एक व्यक्ति जो CCTV के आधार पर चिन्हित हुआ है तत्परता से हमने उस शख्स को हिरासत में लिया है. उससे पूछताछ की जा रही है.
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