'जब श्रीराम पर संकट आया, तो हनुमान जी संजीवनी लाए, अब केजरीवाल पर..', AAP को क्यों याद आए बजरंगबली ?
'जब श्रीराम पर संकट आया, तो हनुमान जी संजीवनी लाए, अब केजरीवाल पर..', AAP को क्यों याद आए बजरंगबली ?
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नई दिल्ली: तिहाड़ जेल प्रशासन और केंद्र सरकार से बार-बार अनुरोध करने के बावजूद आम आदमी पार्टी (AAP) सुप्रीमो को इंसुलिन की खुराक देने से इनकार करने के बाद पार्टी नेता और मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मंगलवार को कहा कि यह भगवान हनुमान थे, जिन्होंने अपने 'जन्मोत्सव' पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इंसुलिन दिया।

भारद्वाज की यह टिप्पणी इस खबर के कुछ ही घंटों बाद आई है कि केजरीवाल, जो कि टाइप-2 मधुमेह के मरीज हैं, को तिहाड़ जेल में उनके शुगर लेवल 320 तक पहुंचने के बाद इंसुलिन की दो यूनिट दी गई थी। इसके बाद केजरीवाल को दी गई यह पहली इंसुलिन खुराक थी। 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय ने उनकी गिरफ्तारी की। आज हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री को इंसुलिन की शीशियों से सजी एक 'गद्दा' (गदा) ले जाते देखा गया। उन्होंने एक रैली भी की, जिसमें भगवान हनुमान की पोशाक पहने एक व्यक्ति इंसुलिन की बड़ी शीशियां लेकर चल रहा था।

जब उनसे पूछा गया कि मौजूदा चुनावी मौसम के बीच भाजपा और RSS 'राम कार्ड' के बारे में बात कर रहे हैं और क्या AAP अब 'हनुमान कार्ड' खेल रही है, तो दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने मीडिया से कहा कि, "नहीं, ऐसा कुछ नहीं है कार्ड। हम हर साल हनुमान जन्मोत्सव मनाते हैं। अरविंद केजरीवाल भगवान हनुमान के जाने-माने 'भक्त' हैं। उन्होंने कहा कि, "जब वह (केजरीवाल) जेल अधिकारियों और केंद्र सरकार से इंसुलिन लेने में विफल रहे, तो वह हनुमान जी ही थे, जिन्होंने उनके जन्मोत्सव पर उन्हें इंसुलिन दिया था। हम हनुमान जी के बहुत आभारी हैं।"

दिल्ली के मंत्री ने आगे कहा, 'जब भगवान राम समस्याओं का सामना कर रहे थे, तो हनुमान जी उनके लिए 'संजीवनी' लेकर आए। उन्होंने कहा, "इसी तरह, जब अरविंद केजरीवाल ने अपने जन्मोत्सव पर हनुमान जी से प्रार्थना की, तो उन्हें इंसुलिन दिया गया। उनका रक्त शर्करा स्तर 300 से अधिक हो गया था। भगवान राम और भगवान हनुमान के बीच कोई अंतर नहीं है। दिल्ली, गुजरात, पंजाब, हरियाणा के लोगों का आशीर्वाद इस चुनावी मौसम में आप के लिए सबसे बड़ी 'संजीवनी' साबित होगी।"

इससे पहले दिन में, भारद्वाज ने मीडिया को बताया कि मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी के बाद से, केजरीवाल ने "बार-बार" कहा है कि उनके रक्त शर्करा का स्तर 300 के स्तर को पार कर गया है और उन्हें कोई इंसुलिन प्रदान नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि "अरविंद केजरीवाल को मुसीबत में डालने के लिए जानबूझ कर साजिशों के जरिए उन्हें नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई है। आज बीजेपी और केंद्र सरकार पूरी तरह से बेनकाब हो गई है। कोर्ट के आदेश के बाद जब AIIMS के विशेषज्ञ ने उन्हें (केजरीवाल) देखा, फिर इंसुलिन प्रदान किया गया।" 

उन्होंने दावा किया कि, जब केजरीवाल जेल में नहीं थे, तो रोजाना 50 यूनिट इंसुलिन लेते थे। सोमवार को केजरीवाल ने दावा किया था कि "इंसुलिन से इनकार" विवाद के बीच उनके स्वास्थ्य पर तिहाड़ जेल प्रशासन का हालिया बयान झूठा था। यह विवाद तब और बढ़ गया जब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पिछले हफ्ते आरोप लगाया कि केजरीवाल अपने रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ाने और चिकित्सा जमानत के लिए आधार बनाने के प्रयास में रोजाना आम, आलू पुरी और मिठाइयाँ खा रहे थे। उनके वकील ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि उन्होंने जेल में केवल तीन बार आम खाया और नवरात्र के प्रसाद के रूप में आलू पूरी खाई। केजरीवाल के विरोधियों का कहना है कि, शराब घोटाले में केजरीवाल के खिलाफ पेश किए गए तथ्य देखने के बाद अदालतें उन्हें जमानत नहीं दे रहीं हैं, इसलिए केजरीवाल जानबूझकर मीठा खा रहे हैं, ताकि उनकी शुगर बढे और वे मेडिकल ग्राउंड पर जमानत मांग लें। 

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