नाखूनों का रंग और शेप बताता है आपकी सेहत के बारे में, जानिए कैसे?
नाखूनों का रंग और शेप बताता है आपकी सेहत के बारे में, जानिए कैसे?
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हमारे शरीर के अंग हमारी पर्सनैलिटी के बारे में बहुत से राज खोलते हैं। जी हाँ और शरीर के अंगों को देखकर इस बात का पता लगाया जा सकता है कि सामने वाला इंसान किस तरह का है? आपको बता दें कि सामान्य हेल्दी नाखूनों का रंग फ्लैश की तरह होता है और सिरे सफेद रंग के होते हैं। वहीं नाखून के बदलते रंग और शेप आपकी सेहत के बारे में कई संकेत देते हैं। तो आज हम आपको बताते हैं कैसे नाखूनों को देखकर आप किसी की सेहत के बारे में पता लगा सकते हैं- 


नाखून में गड्ढे बनना- उम्र बढ़ने के साथ ही नाखून का शेप चम्मच के आकार का होता जाता है। हालाँकि अगर कम उम्र में ही आपके नाखूनों का शेप चम्मच के आकार का हो गया है तो यह इस बात की तरफ इशारा करता है कि आपका शरीर आयरन को सही से पचा नहीं पा रहा है। जी दरअसल यह एनीमिया, हेमोक्रोमैटोसिस या प्लमर-विन्सन सिंड्रोम भी हो सकता है। ऐसे में आयरन के लेवल को चेक करने के लिए ब्लड टेस्ट करवाएं। 

नाखूनों के नीचे गहरे रंग की लाइन्स- अगर आपके नाखूनों के नीचे काली या भूरी रंग की लाइन्स बनती हैं, तो यह मेलेनोमा का संकेत हो सकता है- जो एक प्रकार का कैंसर है। जी दरअसल यह त्वचा का कैंसर है लेकिन नाखूनों में भी हो सकता है। वहीं गहरे रंग के व्यक्तियों में, यह केवल पिगमेंट के जमाव के कारण भी हो सकता है। तो इसके लिए स्किन के डॉक्टर को दिखाएं।

पीले नाखून- नाखूनों का पीला रंग फंगल इंफेक्शन की तरफ इशारा करता है। जी हाँ और इस तरह के नाखून थायराइड या डायबिटीज का संकेत देते हैं। वहीं येलो नेल सिंड्रोम (YNS) नामक एक दुर्लभ बीमारी उन लोगों में पाई जाती हैं जिन्हे फेफड़ों से जुड़ी कोई समस्या होती है या फिर जिनके हाथ-पैरों में अक्सर सूजन रहती है।

नीले या हरे नाखून- नीले नाखून ऑक्सीजन की कमी या विषाक्तता का संकेत देते हैं। वहीं हरे रंग के नाखून पैरोनीचिया नामक जीवाणु संक्रमण के कारण होते हैं।

टूटे हुए नाखून- नाखूनों का बार-बार टूटना उनके कमजोर होने का संकेत देता है। नाखूनों की यह स्थिति बताती है कि आपके शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की कमी हो रही है। 

फीके रंग के नाखून- नाखून के रंग का हल्का पड़ा जाना उम्र बढ़ने का सामान्य संकेत है, हालांकि, कुछ मामलों में, फीके नाखून किसी ना किसी बीमारी का भी संकेत देते हैं। जैसे की शरीर में खून की कमी होना, कुपोषण, लिवर की बीमारी या फिर हार्ट फेलियर आदि।

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