पाकिस्तान से रणनीतिक मुकाबला क्यों!
पाकिस्तान से रणनीतिक मुकाबला क्यों!
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जम्मू - कश्मीर के उरी सेक्टर में आतंकी हमले के बाद देशभर में पाकिस्तान विरोधी नारे लगाए जा रहे हैं। देशभर में पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है। हालात ये हैं कि हर कहीं पाकिस्तान पर हमला करने की अपील की जा रही है। मगर सरकारी तंत्र ने, सरकार के मंत्रियों ने सोच समझकर कार्रवाई करने और पाकिस्तान को हमले के सबूत देने की बात कही है। भारत अभी भी सीमा पार कर पाकिस्तान की धरती पर हमला करना नहीं चाहता।

हालांकि शहीदों का बलिदान अमूल्य है। उसे व्यर्थ नहीं गंवाया जा सकता है और देश भी अब पाकिस्तान पर कड़ी कार्रवाई की अपील कर रहा है। मगर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का पक्ष अभी काफी मजबूत है। यदि भारत अपनी रणनीति पर कायम रहता है और हमला न कर अमेरिका व अन्य देशों को यह बताने में सफल रहता है कि पाकिस्तान आतंकवाद का पौषक तत्व है और कई बार भारत पर परमाणु हमला करने की धमकी दे चुका है ऐसे में भारत की स्थिति मजबूत होगी और भारत आतंक के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने में सक्षम हो सकता है।

ऐसे में भारत पर किसी अन्य देश की सीमाओं का अतिक्रमण करने के उद्देश्य से कोई कार्रवाई करने का आरोप भी नहीं लगेगा और न ही चीन पाकिस्तान की त्वरित सहायता करने के लिए अग्रसर हो सकता है। मगर यदि भारत जल्दबाजी में कार्रवाई करता है तो उसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कुछ कमजोरियों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में भारत की कार्रवाई कुछ मुश्किल में पड़ सकती है। भारत और पाकिस्तान के बीच रणनीतिक तौर पर अभी कई सारे पहलू हैं।

भारत विश्व समुदाय को बलूचिस्तान की स्थिति से अवगत करवा सकता है और संभावना है कि बलूचिस्तान को पाकिस्तान से मुक्त करवाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन किया जा सकता है। मगर इसमें नुकसान पाकिस्तान का होगा। वह आतंक के प्रसारक के तौर पर विश्व में सामने आएगा।

लव गडकरी

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