बचपन से बचपन तक, लोग क्या कहेंगे ?
बचपन से बचपन तक, लोग क्या कहेंगे ?
Share:

बचपन से हमें एक बात कही जाती है और हर कहीं से यह बात सुनाई देती है कि लोग क्या कहेंगे ? लोग क्या सोचेंगे ? बचपन से जवानी आ गई और जल्द ही ये वक़्त भी गुजर जायेगा लेकिन आज तक ये बात समझ नहीं आई कि वे कौन लोग है जो हमारे बारे में सोचेंगे. एक बच्चा जो इतना छोटा होता है कि उसे दुनिया की इतनी भी समझ नहीं होती है कि ये हो क्या रहा है, दुनिया चल कैसे रही है और इस समय में उसे ये बताया जाता है कि बेटा "लोग क्या कहेंगे"

आपको यह भी बता दे कि ऐसा नहीं है कि यह केवल बचपन की बात है, अरे यह बात तो समय के साथ बढ़ती ही चली जाती है. स्कूल में बड़ी क्लास में गए तो पेरेंट्स कहते है नंबर अच्छे आना चाहिए वरना "लोग क्या कहेंगे", यहाँ से बच्चा आगे बढ़ता है और कॉलेज में जाता है तब उसे कहा जाता है पढाई अच्छी होना चाहिए और कोई गलत काम नहीं करना वरना "लोग क्या कहेंगे".

कॉलेज खत्म करने के बाद ऐसा अहसास होता है जैसे बड़े हो गए लेकिन नहीं दोस्तों "ये तो बस शुरुआत है, कल से वही सियाप्पे है"

जी हाँ यहाँ से शुरू होती है लोग क्या कहेंगे वाली नई बातों का नया दौर. कहाँ जॉब करना है, कैसी जॉब करना है, यह डिपेंड किसपे करता है? उस व्यक्ति पर जो जॉब करना चाहता है या उन लोगों पर जिनके बारे में आज हम बात कर रहे है कि "लोग क्या कहेंगे". जी हाँ यहाँ भी वहीँ बाते जो बचपन से सुनते आ रहे है और ना जाने कब तक सुनते ही जाना है. लेकिन इन सब बातों के बीच एक बात फिर भी अधूरी सी रह ही जाती है कि "लोग क्या कहेंगे.."

कोई ना होता है, छोडो..!! चलो यहाँ से कदम रखते है एक नए जीवन में जब आप किसी को पसंद करने लगते है या यूँ कहें कि कोई ऐसा होता है जिससे आप प्यार करने लगते है, लेकिन दोस्तों इस प्यार के लम्हे में कहीं ये ना भूल जाना कि लोग अभी भी वहीँ है, जो आपके लिए कुछ कहना चाहते है. जी हाँ यहाँ आप किसी के साथ मधुर गीतों को गुनगुनाने में लगे हुए है लेकिन मन में वहीँ एक सवाल घर करके बैठा हुआ है कि "लोग क्या कहेंगे"

चलो जिंदगी के इस पड़ाव से भी आप जैसे तैसे बच जाते है, लेकिन अब बात आ जाती है गृहस्थ जीवन की. कहा जाता है कि यहीं जिंदगी का वो समय है जहाँ से एक नई शुरुआत होती है. शादी एक पवित्र बंधन है लेकिन जब आप इसमें प्रवेश करने के लिए तैयार होते है तब लोग ये सोच रहे होते है कि जहाँ आपका रिश्ता होने वाला है वो लोग कैसे होंगे. दूल्हा या दुल्हन कैसे होंगे, कैसा होगा वो रिश्ता जिसमे आप जुड़ने जा रहे है. जी हाँ जिंदगी के इस सबसे अहम फैसले में भी लोगों का एक फैसला होता है कि "लोग क्या कहेंगे"

फिर इसी तामझाम के साथ एक नए जीवन कि शुरुआत और फिर आपके भी बच्चे और बच्चों के साथ फिर वहीँ बाते शुरू हो जाती है कि भैया "लोग क्या कहेंगे" तो वैसे तो इन लोगो का कुछ कहा नहीं जा सकता है क्योकि जिस समय आप ये सोच रहे होते है कि लोग क्या कहेंगे तब शायद वे लोग भी यही सोच रहे हो कि "आप क्या कहेंगे"

अब हमारा तो यही कहना है कि दोस्तों "लोगों के ऊपर ही यह बात छोड़ दी जाए कि वे क्या कहेंगे, क्योकि यह बात भी अगर हम ही सोचने लग जायेंगे तो लोग क्या करेंगे"

हितेश सोनगरा

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -