क्या है शंख की महिमा
क्या है शंख की महिमा
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शंख का महत्व जितना धार्मिक है उतना ही वैज्ञानिक, वैज्ञानिकों का मानना है कि शंख-ध्वनि के प्रभाव में सूर्य की किरणें बाधक होती हैं. इससे आसपास का वातावरण तता पर्यावरण शुद्ध रहता है.शंख निधि (धन का खजाना) का प्रतीक है.

ऐसा माना जाता है कि इस मंगलचिह्न को घर के पूजास्थल में रखने से अनिष्टों का नाश होता है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है.

आयुर्वेद के अनुसार शंखोदक भस्म से पेट की बीमारियों अमूमन पीलिया, यकृत के रोग, पथरी आदि रोग ठीक होते हैं.पुराणों में उल्लेख मिलता है कि मूक एवं श्वास रोगी हमेशा शंख बजायें तो बोलने की शक्ति पा सकते हैं. ऋषि श्रृंग की मान्यता है कि छोटे-छोटे बच्चों के शरीर पर छोटे-छोटे शंख बांधने तथा शंख में जल भरकर अभिमंत्रित करके पिलाने से वाणी-दोष नहीं रहता है.

अथर्ववेद के अनुसार, शंख से राक्षसों का नाश होता है. भागवत पुराण में भी शंख का विस्तृत उल्लेख मिलता है. यजुर्वेद के अनुसार युद्ध में शत्रुओं का दिल दहलाने के लिए शंख फूकने का वर्णन मिलता है.गोरक्षा संहिता, विश्वामित्र संहिता, पुलस्त्य संहिता आदि ग्रंथों में दक्षिणावर्ती शंख को आयुर्वद्धक और समृद्धि दायक कहा गया है.

विष्णु पुराण के अनुसार माता लक्ष्मी समुद्र राज की पुत्री हैं तथा शंख की उत्पत्ति भी समुद्र से हुई है, इसलिए शंख उनके भाई है. मान्यता है कि जहां शंख है, वहीं लक्ष्मी जी का वास होता है.

घंटी की आवाज से होती है नकारात्मक...

 

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