मानसून के पहले जरूरत है जल सहेजने की!
मानसून के पहले जरूरत है जल सहेजने की!
Share:

जून माह के प्रारंभ के ही साथ देश में प्री- मानसून की आहट होने लगती है. यही नहीं केरल के तटीय क्षेत्र में प्री मानसून के आने की संभावना बन गई है हालांकि इस बार मानसून कुछ देरी से आ रहा है लेकिन अच्छे मानसून की उम्मीद में किसान और आम लोग बेहद खुश हैं. मगर इस बार भी यही संभावना जताई जा रही है कि बारिश का वितरण असमान हो सकता है. असमान वितरण के कारण कहीं अधिक बारिश हो सकती है तो कहीं कम बारिश हो सकती है लेकिन बारिश के इस मौसम के ही साथ पर्यावरण संरक्षण की चर्चा भी चलने लगी है।

दरअसल बारिश के दौर में जिस तरह से पहाड़ों से भूस्खलन आदि होते हैं उससे यह अंदेशा लगता है कि पर्यावरण के प्रति अभी भी जागरूकता की आवश्यकता है. यही नहीं बारिश के दौरान अब आवश्यकता है जल सहेजने की. जल संग्रहण की. देश के कई राज्य ऐसे थे जहां पर सूखे के हालात हैं मगर बारिश के इस मौसम में यदि बारिश का पानी संग्रहित कर लिया गया तो जल की उपलब्धता की परेशानी समाप्त हो जाएगी. इतना ही नहीं खेतों के लिए भी जल पर्याप्त तरीके से उपलबध हो सकता है. इस बार जल सहेजने को लेकर गंभीरता से उपाय किए जाने की जरूरत है।

जल सहेजने पर खेतों को पानी मिल सकता है फसलें अच्छी तरह से लहलहा सकती हैं. इसके लिए प्रयास भी किए गए हैं. खेतों के पानी को खेतों में रख दें, और घर की छत के पानी को एक पाईपलाईन व टैंक के माध्यम से जमीन में पहुंचा दें तो भूजल बढ़ सकता है यही नहीं गांवों में संयुक्तरूप से तालाबों के लिए खुदाई आदि की जा सकती है. जब तालाबों के लिए खुदाई की जाती है या फिर तालाब का गहरीकरण किया जाता है तो फिर जल के संग्रहण का एक और माध्यम बढ़ जाता है।

'लव गडकरी'

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -