माँ बनना एक स्त्री के लिए सबसे यादगार पल होता है. एक नन्ही जान को दुनिया में लाने के बाद उसका ख़याल रखने की पूरी जिम्मेदारी एक माँ पर ही होती है. बच्चे के लिए स्तनपान अमृत होता है और वो सारी ताकत और पोषण स्तनपान से ही पाता है. हाल ही में किया गए एक शोध में यह सामने आया है कि स्तनपान करने वाले ज्यादातर बच्चों में विटामिन डी के कमी देखी जाती है.
शोधकर्त्ताओं ने 184 ऐसी महलिओं को शोध में शामिल किया जो अपने बच्चों को स्तनपान करवाती है और शोध में पाया गया कि इनमे से ज्यादातर महिलाएं अपने बच्चों को रोज विटामिन डी सप्लीमेंट्स नहीं देती। क्योंकि मा के दूध में विटामिन डी की बहुत कम मात्रा होती है इसलिए यह माना जाता है कि बच्चे के जन्म के बाद कुछ दिनों तक उसे विटामिन डी का सप्लीमेंट जरूर देना चाहिए।
नवजात में विटामिन डी की कमी से रिकेट्स जैसी गम्भी हड्डियों की बिमारी हो सकती है। वयस्क तो सूरज की रोशनी से भी विटामिन डी प्राप्त कर सकते हैं लेकिन 6 माह से छोटे बच्चों को सीधे सूरज की रोशनी देने से उनमे स्किन कैंसर होने का खतरा भी हो सकता है. आमतौर पर विटामिन डी का सप्लीमेंट तरल होता है और इसे आसानी से ड्रॉपर की सहायता से शिशु को दिया जा सकता है.
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