नई दिल्ली: निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में फांसी की सजा से राहत पाने के लिए चारों दोषियों में से एक विनय कुमार शर्मा ने बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास दया याचिका भेजी है। इससे पहले निर्भया केस में एक अन्य दोषी मुकेश की दया याचिका खारिज हो चुकी है। फांसी का समय पास आता देख सभी दोषी इससे बचने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं।
एक अन्य दोषी अक्षय सिंह ठाकुर ने शीर्ष अदालत में सुधारात्मक याचिका दाखिल की, जिसे अदालत ने सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। इस मामले में शीर्ष अदालत में पांच जजों की बेंच दोषी अक्षय ठाकुर की क्यूरेटिव पिटिशन पर सुनवाई करेगी। इसकी सुनवाई गुरुवार को एक बजे होने वाली है। वहीं, बार-बार कानून का सहारा लेकर दोषियों द्वारा फांसी से बचने का पैंतरा अपनाया जा रहा है। इस वजह से जेल प्रशासन के सामने इन चारों दोषियों को एक साथ फांसी देने की चुनौती बनी हुई है।
फिलहाल जानकार बता रहे हैं कि नियम के मुताबिक, फांसी एक फरवरी को होना नामुमकिन है, क्योंकि किसी भी दोषी को फांसी देने से 14 दिन पहले उसे इसके बारे में बताना आवश्यक होता है। इसी के साथ एक ही जुर्म में सभी दोषियों को एक साथ फांसी देने का भी नियम है। इनमें से दोनों ही नियमों को पालन करने की स्थिति में एक फरवरी को फांसी होना कठिन है।
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