जयपुरः उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने आतंकवाद पर कड़ा प्रहार करते हुए इसे मानवता का सबसे बड़ा दुश्मन करार दिया। उन्होंने दुनिया को आगाह करते हुए कहा कि उन्हें तय करना होगा कि सुख, शांति और अमन चाहिए या फिर रक्तपात। विश्व में अमन और तरक्की चाहिए तो आतंकवाद के खिलाफ सभी देशों को एकजुट होकर प्रयास करने होंगे। नायडू राजस्थान के सिरोही जिले में ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय महाविद्यालय में आयोजित पांच दिवसीय वैश्विक शिखर सम्मेलन के उद्घाटन के दौरान लोगों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि हमने कभी किसी देश पर आक्रमण नहीं किया, क्योंकि हमारी भावना 'वसुधैव कुटुम्बकम' की है। इस अवसर पर पाकिस्तान का नाम लिए बिना उपराष्ट्रपति ने कहा कि दुनिया में आतंकवाद फैला रहे देश को अलग-थलग करना होगा । उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति में पर्यावरण के प्रति प्यार होना चाहिए । यदि ऐसा होगा तो भविष्य अच्छा होगा ।
उन्होंने कहा कि आध्यात्म ही धर्म का मूल उदेश्य है। जब व्यक्ति के मन में धर्म के नाम पर ¨हसा और आतंक का तांडव होने लगता है तो समाज भेदभाव एवं संकीर्ण भावना का शिकार हो जाता है। उन्होंने कहा कि जो लोग लोकतंत्र के नाम पर आतंक फैला रहे हैं, वे धर्म विरोधी हैं। इस अवसर पर राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि आध्यात्मिकता महत्वपूर्ण एवं गंभीर विषय है। पाप-पुण्य के विश्लेषण से अनुशासन की भावना जागृत होती है। इससे ही दुनिया में शांति एवं समृद्धि आएगी।
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