पोकवीड एक बारहमासी जड़ीबूटी है, जो पूर्वी उत्तर अमेरिका का मूल निवासी है और दुनिया भर में इसकी खेती की जाती है. इसके बेरीज् और सूखी जड़ों का इस्तेमाल हर्बल उपचार में किया जाता है. पोकवीड सप्लीमेंट अर्क, टिंचर, पाउडर और पुलटिस के रूप में उपलब्ध है. पोकवीड के लिए कोई मानक खुराक निश्चित नहीं हैं.
परंपरागत रूप से, पोकवीड के लाल पत्तों को लाकर पानी में उबलकर, अच्छे से निचोड़कर निकाल लें. फिर एक बार और उबला लें. ऐसा कम से कम तीन बार करना चाहिए और हर बार पानी को बाहर फेंक देना चाहिए. इन उबले हुए पत्तों का इस्तेमाल सलाद के रूप में या चाय के रूप में किया जा सकता है. इसके अलावा, यंग शूट को शतावरी के विकल्प के रूप में भी खाया जा सकता है.
1-पुराने दिनों से, रूमेटाइड अर्थराइटिस से जुड़े दर्द और सूजन को दूर करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है. इसके लिए टिंचर उपयोगी है. वैकल्पिक रूप से एक या दो सूखी बेरी लेकर उसे पूरा ही खा लें. बहुत कम मात्रा में टिंचर का इस्तेमाल सिर दर्द को कम करने के लिए इस्तेमाल करना चाहिए.
2-पोकवीड के काढ़े का सामान्यत गले में दर्द और टांसिलाइटिस, ग्रसनीशोथ, अपच जैसे श्वसन संक्रमण के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है; यह ग्रंथियों की सूजन और पुराने संक्रमण के इलाज में भी कारगर है.
3-जल्द ही पोकवीड ने कैंसर का इलाज करने की क्षमता हासिल कर लोक्रिपयता प्राप्त कर ली है, विशेष रूप से स्तन और गर्भाशय के कैंसर के लिए. शोधों से पता चला है कि कैंसर की प्राकृतिक चिकित्सा के लिए यह जड़ी-बूटी बहुत ही फायदेमंद है. पोक की जड़ एंटीटॉक्सिन थेरेपी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो कुछ प्रकार के ट्यूमर के विकास में बाधा उत्पन्न करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.