सिंघाडे को ट्रापा बिसपीनोसा भी कहा जाता है. यह त्रिकोने आकार का फल होता है. यह स्वास्थ के लिए पौष्टिक और विटामिन युक्त फल है. सिंघाडे का प्रयोग कच्चा और पका कर दोनों ही रूपों में किया जाता है. साथ ही सिंघाड़े का आटे का प्रयोग भी किया जाता है. सिंघाडे में विटामिन ए, बी और सी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. यह खनिज लवण और कार्बोहाइड्रेट युक्त भी होता है. अब जानते हैं क्या हैं सिंघाड़े में छिपे हुए आयुर्वेदिक गुण जो आपके स्वास्थ को लाभ पहुंचा सकते हैं.
1-अस्थमा के रोगी हैं उनके लिए सिंघाड़ा वरदान से कम नहीं है रोगीयों को 1 चम्मच सिंघाड़े के आटे को ठंडे पानी में मिलाकर सेवन करना चाहिए
2-सिंघाड़े की बेल को पीसकर उसका पेस्ट, शरीर में जलन वाले स्थान पर लगाने से जलन कम हो जाती है
3-आखों की रोशनी को बढ़ाने में भी सिंघाडा फायदा करता है क्योंकि इसमें विटामिन ए सही मात्रा में पाया जाता है
4-कैल्शियम की सही मात्रा की वजह से सिंघाड़ा हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाता है।