वाशिंगटन : अमेरिका की एक नई रिपोर्ट में भारत की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार से जुड़े राजनीतिज्ञों द्वारा धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के लिए उनकी आलोचना की गई है, जबकि धार्मिक स्वतंत्रता के समर्थन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की प्रशंसा की गई है। यूएस कमीशन ऑन इंटरनेशनल रीलिजियस फ्रीडम (यूएससीआईआरएफ) ने मोदी के बयान को गुरुवार को एक सकारात्मक विकास करार दिया।
यूएससीआईआरएफ की सिफारिशों के कारण ही साल 2005 में मोदी को अमेरिका का वीजा देने में विदेश विभाग ने अडंगा लगा दिया था। यूएससीआईआरएफ ने उल्लेख किया, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसे ज्ञात व्यक्ति हैं, जिन्हें प्रावधानों के आधार पर वीजा देने से इनकार किया गया था।" कमीशन ने 2015 की रिपोर्ट में कहा, "हालांकि धार्मिक तथा सांप्रदायिक हिंसा में बीते तीन सालों के दौरान कथित तौर पर बढ़ोतरी हुई है।" कमीशन ने भारत को एक बार फिर दूसरी श्रेणी के देशों की सूची में रखा है।
रिपोर्ट के मुताबिक, "चुनाव से लेकर अब तक धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ सत्तारूढ़ भाजपा के नेताओं ने अपमानजनक टिप्पणियां की, उन पर अनगिनत हमले हुए व हिंदू राष्ट्रवादी समूहों जैसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) तथा विश्व हिंदू परिषद (विहिप) द्वारा जबरन धर्मातरण की घटनाओं को अंजाम दिया गया।"
रिपोर्ट में कहा गया है, ईसाई गैर सरकारी संगठनों तथा नेताओं ने धर्मातरण की ओर इशारा करते हुए कहा है कि राज्यों में उनका समुदाय खतरे में है। रिपोर्ट के मुताबिक, "इन चिंताओं के मद्देनजर, भारत को एक बार फिर दूसरी श्रेणी के देशों की सूची में रखा जा रहा है, जहां यह वर्ष 2009 से ही था।"
NTIPL reserves the right to delete, edit, or alter in any manner it sees fit comments that it, in its sole discretion, deems to be obscene, offensive, defamatory, threatening, in violation of trademark, copyright or other laws, or is otherwise unacceptable.