Apr 23 2016 02:22 PM
वॉशिंगटन : अमेरिका ईरान से परमाणु समझौते के तहत 32 टन भारी जल खरीदेगा, जिसकी कीमत 86 लाख डॉलर है। इसके पीछे अमेरिका का मकसद तेहरान में पिछले साल हुए ऐतिहासिक परमाणु समझौते के तहत अपनी प्रतिबद्धताएं पूरी करने में मदद मिलना है। बता दें कि परमाणु हथियार को विकसित करने के लिए भाैरी जल एक अहम घटक है।
अमेरिका खुद भारी जल का उत्पादन नहीं करता है, इससे पहले तक वो इसे कनाडा और भारत से खरीदता आया है। भारी जल को अनुसंधान एवं अन्य मकसद के लिए घरेलू स्तर पर दोबारा बेचा जा सकता है। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता एलिजाबेथ ट्रुडो ने बताया कि ऊर्जा मंत्रालय के माध्यम से अमेरिकी सरकार ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन की एक सहायक कंपनी से 32 टन भारी जल खरीदेगी।
शुक्रवार को उन्होने कहा कि इस भारी जल का उपयोग घरेलू अनुसंधान के कार्यो के लिए किया जाएगा। ईरान, अमेरिका और विश्व की पांच अन्य शक्तियों के बीच पिछले साल हुए ऐतिहासिक परमाणु समझौते के तहत ईरान पर उसके भारी जल के भंडार को कम करने की जिम्मेदारी है।
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