नोटों के कारण पिता का नहीं हो रहा इलाज
नोटों के कारण पिता का नहीं हो रहा इलाज
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इंदौर :  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भले ही पांच सौ और एक हजार रूपये के मौजूदा नोटों को बंद कर दिया हो लेकिन इस कारण उन लोगों को अधिक परेशानी हो रही है, जिनके घर विवाह के कार्यक्रम होने वाले है या फिर इलाज कराने के लिये निजी अस्पताल पहुंच रहे है। ऐसा ही एक बेटे ने अपनी पीड़ा जाहिर की है। बेटे का कहना है कि उसके पिता का इलाज पांच सौ तथा एक हजार रूपये के कारण नहीं हो रहा है।

उसने बताया कि उसके पिता को लकवा है और ऐसी स्थिति में उन्हें इंदौर स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराने के लिये जब ले जाया गया तो भर्ती करने से इसलिये इनकार कर दिया क्योंकि उसके पास पांच सौ, एक हजार रूपये के नोट थे। चुंकि उसके पिता की स्थिति गंभीर है, इसलिये उसने अस्पताल प्रबंधन से निवेदन किया लेकिन प्रबंधन का यह कहना था कि ये पुराने नोट तो बिल्कुल नहीं चलेंगे। या तो आप अपने पिता को अस्पताल से ले जाओं या फिर एटीएम क्रेडिट कार्ड से अस्पताल का खर्च पूरा करों।

हालांकि वह एटीएम भी पहुंचा, लेकिन कतार में लगने के बाद भी उसे दस हजार रूपये से ज्यादा नहीं मिल सके, क्योंकि सरकार ने अभी एटीएम से इतनी ही लिमिट तय कर रखी है। बेटे की पीड़ा यह है कि इतने रूपये में वह अपने पिता का इलाज कैसे कराये क्योंकि अस्पताल में इलाज के लिये बड़ी रकम देना होगी। या तो वह रोज एटीएम की कतार में लगे या फिर अपने पिता का इलाज करवाये।

रांची के डाक घर में नहीं हुआ नोटों का...

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