सोमवती अमावस्या का उल्लास, स्नान से लूटेंगे आस्था का पुण्य
सोमवती अमावस्या का उल्लास, स्नान से लूटेंगे आस्था का पुण्य
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मध्यप्रदेश​/उज्जैन : सोमवार को सोमवती अमावस्या के अवसर पर आस्थावानों का तांता लगेगा। आस्थावान जहां षिप्रा स्नान करेंगे वहीं दान धर्म आदि कर सोमवती अमावस्या का पुण्य भी लूटेंगे। सोमवार को सोमवती अमावस्या पर षिप्रा स्नान करने वाले ग्रामीणजनों का एक दिन पहले से ही नगर में पहुंचने का सिलसिला जारी हो गया, धर्मशास्त्र के विद्वानों के अनुसार सोमवती स्नान पर षिप्रा या अन्य पवित्र नदियों में स्नान तथा दान धर्म करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। लिहाजा सोमवार को बडी संख्या में आस्थावान उज्जैन षिप्रा स्नान के लिए पहुंचेंगे। सोमवती अमावस्या पर नगर में आस्थावानों का तांता लगेगा। यूं तो सोमवार के दिन सुबह से ही स्नानार्थियों के षिप्रा नदी स्नान हेतु पहुँचने का सिलसिला रहेगा लेकिन बाहरी इलाकों से आने वाले लोगों तो रविवार की संध्या से ही आने का क्रम प्रारंभ हो गया। लोग स्नान के साथ ही जहां ब्राम्ह्णों को दान करेंगे वहीं सोमवती अमावस्या की कथा का भी श्रवण कर पुण्य लूटेंगे।

सोमतीर्थ कुंड में स्नान का महत्व-

सोमवती अमावस्या पर यू तो षिप्रा स्नान करने का विधान षास्त्रों में उल्लेखित है ही, सोमतीर्थ कुंड में भी स्नान करने का महत्व है। हालांकि पिछले कुछ सालों से सोमतीर्थ कुंड की स्थिति बेहद खराब है वहीं यह कुुंड विलुप्त की भी कगार पर होने के कारण इसका अस्तित्व खतरे में दिखाई रहा है। हालांकि नगर के कुछ विद्वानों द्वारा इसे लेकर चिंता व्यक्त करने के बाद प्रषासनिक अधिकारियों द्वारा वहीं समीप में फव्वारा स्नान करने की व्यवस्था कर दी जाती है, चुंकि बाहर से लोग आस्था और विष्वास के साथ स्नान करने के लिए पहुंचते हैं, लिहाजा फव्वारा स्नान करने से ही वे परिपूर्ण हो जाते है।

मेहंदी, कुंकुम की होगी बिक्री, महाकाल में भी भीड़-

जो लोग बाहर से स्नान करने के लिए उज्जैन पहुंचेंगे, उनके द्वारा गोपाल मंदिर क्षे़त्र से न केवल मेहंदी, कुंकुम और पूजन सामग्री की खरीदी की जाएगी वहीं भूत भावन भगवान महाकालेष्वर मंदिर में भी लोगों की भीड़ उमड़ेगी। इसके अलावा चारधाम मंदिर, हरसिद्धि मंदिर के साथ ही अन्य प्रमुख देव स्थलों पर भी लोगों का तांता लगेगा। इधर षिप्रा तट पर व्याप्त अव्यवस्थाओं को लेकर रामघाट के पंडों और तीर्थपुरोहितों ने नाराजगी प्रकट की है। उन्होंने बताया कि षिप्रा तट पर न तो महिलाओं के लिए कपड़े बदलने हेतु पर्याप्त षेड ही हैं और न ही सुरक्षा के माकूल प्रबंध ही किए जाते है, इसके चलते आस्थावानों को परेषानी का सामना करना पड़ता है। तीर्थ पुरोहितों ने प्रषासन के अधिकारियों से मांग की है कि वह सोमवती अमावस्या के अवसर पर समुचित व्यवस्थाओं को अंजाम दें। इधर कलेक्टर कविन्द्र कियावत द्वारा पहले से ही व्यवस्थाओं के लिए अधिकारियों की ड्यूटी लगा चुके हैं।

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