ट्रेजडी क्वीन के नाम से मशहूर थी मीना कुमारी
ट्रेजडी क्वीन के नाम से मशहूर थी मीना कुमारी
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बॉलीवुड की जानी मानी मशहूर अभिनेत्री मीना कुमारी का आज जन्मदिन हैं. 1 अगस्त, 1932 को मुंबई में जन्मी मीना कुमारी अगर आज हमारे बीच होती तो 83 साल की होती. मीना कुमारी का असली नाम माहजबीं बानो था. उनके पिता अली बक्श भी फिल्मों में और पारसी रंगमंच के एक जाने माने कलाकार थे और उन्होंने कुछ फिल्मों में संगीतकार का भी काम किया था. उनकी माँ प्रभावती देवी (बाद में इकबाल बानो) भी एक मशहूर नृत्यांगना और अदाकारा थी जिनका ताल्लुक टैगोर परिवार से था. मीना कुमारी कों खासकर दुखांत फि़ल्म में उनकी यादगार भूमिकाओं के लिये जाना जाता है और वे 1952 में प्रदर्शित हुई फिल्म बैजू बावरा से वे काफी मशहूर हुईं.

माहजबीं ने पहली बार किसी फिल्म के लिये छह साल की उम्र में काम किया था. उनका नाम मीना कुमारी विजय भट्ट की खासी लोकप्रिय फिल्म बैजू बावरा के कारन पड़ा. मीना कुमारी की प्रारंभिक फिल्में ज्यादातर पौराणिक कथाओं पर आधारित थी. मीना कुमारी के आने के साथ भारतीय सिनेमा में नयी अभिनेत्रियों का एक खास दौर शुरु हुआ था जिसमें नरगिस, निम्मी, सुचित्रा सेन और नूतन शामिल थीं. 1953 तक मीना कुमारी की तीन सफल फिल्में आ चुकी थीं जिनमें - दायरा, दो बीघा ज़मीन और परिणीता शामिल थीं. परिणीता से मीना कुमारी के लिये एक नए युग की शुरुआत हुई.

परिणीता में उनकी भूमिका ने भारतीय महिलाओं को खास रूप से प्रभावित किया था चूकि इस फिल्म में भारतीय नारियों के आम जिदगी की तकलीफ़ों का चित्रण करने की कोशिश भी की गयी थी. लेकिन इसी फिल्म की वजह से उनकी छवि सिर्फ़ दुखांत भूमिकाएँ करने वाले की होकर सीमित रह गयी थी. लेकिन ऐसा होने के बावज़ूद उनके अभिनय की खास शैली और मोहक आवाज़ का जादू भारतीय दर्शकों पर हमेशा छाया रहा. मीना कुमारी की शादी मशहूर फिल्मकार कमाल अमरोही के साथ हुई थी जिन्होंने मीना कुमारी की कुछ मशहूर फिल्मों का निर्देशन भी किया था. लेकिन स्वछंद प्रवृति की मीना अमरोही से 1964 में अलग हो गयीं.

उनकी फि़ल्म पाक़ीज़ा को और उसमें उनके रोल को आज तक सराहा जाता है. मीना कुमारी के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं कि वे कवियित्री भी थीं लेकिन कभी भी उन्होंने अपनी कवितायें छपवाने की कोशिश नहीं की. उनकी लिखी कुछ उर्दू की कवितायें नाज़ के नाम से बाद में छपी. अपने संजीदा अभिनय से दर्शको के दिलों में खास पहचान बनाने वाली मीना कुमारी का फिल्मी करियर जितना चमकता हुआ था उनका निजी जीवन उतना ही दर्द भरा था. कहा जाता है कि अकेलेपन के कारण उन्हें शराब पीना शुरू कर दिया और शराब के नशे में वह ऐसी खोई की 31 मार्च 1972 को उन्होने दुनिया को अलविदा कह दिया.

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