'आज भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यस्था..', लोकसभा में निर्मला सीतारमण ने रखे आंकड़े
'आज भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यस्था..', लोकसभा में निर्मला सीतारमण ने रखे आंकड़े
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नई दिल्ली: अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश की आर्थिक स्थिति में एक महत्वपूर्ण बदलाव पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि 2013 में मॉर्गन स्टेनली ने भारत को दुनिया भर की 5 सबसे नाजुक अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में वर्गीकृत किया था। उन्होंने बताया कि आज के दौर में मॉर्गन स्टेनली ने भारत की रेटिंग को अपग्रेड किया है और इसे बेहतर स्थिति में रखा है। उन्होंने कहा कि केवल 9 वर्षों की अवधि के भीतर, भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ी है और देश ने पर्याप्त आर्थिक विकास का अनुभव किया है, जिसका श्रेय काफी हद तक सरकार की नीतियों को जाता है, यहां तक कि कोविड महामारी के बावजूद भी देश की प्रगति अच्छी रही।

वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि आज भारत वैश्विक स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होने का गौरव रखता है। उन्होंने उल्लेख किया कि भारत अपने भविष्य के विकास के संबंध में आशावाद और सकारात्मकता बनाए रखने की एक अनोखी स्थिति में है। उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था ने 2022 में महज 3 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि का अनुभव किया था, और विश्व बैंक अब 2023 में 2.1 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगा रहा है। वहीं, वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी के बावजूद भारत की अच्छी स्थिति के बारे में जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए वास्तविक GDP वृद्धि 7.2 प्रतिशत तक पहुंच गई है और वित्तीय वर्ष 2023-24 में 6.5 प्रतिशत तक विस्तार होने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि ये अनुमान विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों के पूर्वानुमानों के अनुरूप हैं, जिनमें भारत का अपना RBI अनुमान भी शामिल है।

सीतारमण ने कहा कि पीएम मोदी ने 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और विकास प्रयास' जैसी पहलों के माध्यम से अपनी आर्थिक नीतियों में सुधार किया है, जिससे वे उस बिंदु पर पहुंच गए हैं जहां वे कोरोना महामारी ​​के बाद रिकवरी पथ पर सबसे तेज़ थे। बता दें कि, RBI ने गुरुवार को द्विमासिक MPC बैठक के दौरान लगातार तीसरी बैठक के लिए प्रमुख ब्याज दर को अपरिवर्तित छोड़ दिया है। केंद्रीय बैंक ने गुरुवार को बेंचमार्क रेपो रेट 6.50% पर रखी। रेपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर RBI अन्य बैंकों को ऋण देता है। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने जिक्र किया कि वृद्धिशील नकद आरक्षित अनुपात (CRR) समायोजन का उद्देश्य सिस्टम से 1 लाख करोड़ रुपए से थोड़ा अधिक अधिशेष तरलता निकालना है।

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