देहरादून: उत्तराखंड के देहरादून-मसूरी मार्ग पर जेपी बैंड के समीप नवजात शिशु का कटा शव प्राप्त होने से सनसनी फैल गई। शव को किसी धारदार हथियार से काटा गया है। नीले रंग की चादर में लिपटे शव के सिर एवं दोनों हाथ गायब हैं। सामान्यत: ऐसी चादर चिकित्सालयों में होती है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में रखवा दिया है। CCTV फुटेज तथा चिकित्सालयों में पूछताछ के आधार पर पुलिस मामले की तहकीकात में जुट गई है। शुक्रवार दोपहर लगभग 2 बजे सूचना पुलिस को खबर प्राप्त हुई थी। शव को इस प्रकार कटा हुआ देखकर पुलिस भी सकते में आ गई। नवजात बालक अभी एक-दो दिन पहले ही जन्मा हुआ लग रहा था। गर्भनाल भी ठीक से नहीं सूखी थी। प्रथमदृष्टया उसके क़त्ल की आशंका व्यक्त की जा रही है, मगर नवजात की इस प्रकार से हत्या की बात भी समझ से परे है।
फिलहाल, CCTV कैमरों की सहायता से इस रास्ते पर आने-जाने वालों को देखा जा रहा है। लेकिन पिछले दो दिनों से क्षेत्र में घना कोहरा है तो फुटेज भी स्पष्ट नहीं नजर आ रही है। ऐसे में पुलिस के पास दूसरा रास्ता चिकित्सालयों में जाकर चेक करने का है। एसपी सिटी सरिता डोबाल ने बताया कि हाल के दिनों में जिन-जिन चिकित्सालयों में प्रसव हुए हैं, उनकी तहकीकात की जा रही है। इसके साथ ही आशाओं एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में भी गर्भवती महिलाओं के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। शव जिस चादर में लिपटा था, ऐसी चादर चिकित्सालय में ही उपयोग होती हैं। प्राथमिक पड़ताल में लग रहा है कि उसे सर्जिकल ब्लेड से काटा गया हो, मगर किसी भी सर्जरी या उपचार में इस प्रकार से काटे जाने की बात भी गले नहीं उतर रही है।
वही अगर कोई शिकायत करता है तो पुलिस मुकदमा दर्ज करेगी। हालांकि, शिकायत न आने के बाद भी पुलिस अपनी तरफ से मुकदमा दर्ज करती है। पुलिस के मुताबिक, इस प्रकार से किसी बच्चे का शव पहली बार देखा गया है। सामान्य रूप से किसी वयस्क का इस प्रकार से शव मिलता है तो इसे हत्या ही माना जाता है। वही नवजात के बारे में बलि की बात भी समाने आती रहती हैं, मगर बलि में सिर काटने की बात सामने आती है। जंगली जानवरों ने भी शव को नहीं खाया है, क्योंकि उसे धारदार हथियार से काटा गया है।
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