वायु प्रदूषण से हो सकती हैं ये 5 गंभीर बीमारियां, इस तरह करें बचाव
वायु प्रदूषण से हो सकती हैं ये 5 गंभीर बीमारियां, इस तरह करें बचाव
Share:

सर्दी के सीजन में वायु प्रदूषण का संकट बढ़ जाता है। खबरों की मानें तो वर्तमान वक़्त में भारत की राजधानी दिल्ली तथा उसके समीप के क्षेत्रों में हवा की गुणवत्ता बहुत ख़राब हो गई है। इससे आम जनजीवन पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। लोगों को सांस संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि प्रदूषित वातावरण में रहने से दिल और फेफड़ों को सबसे ज्यादा हानि पहुँचती है। वहीं, WHO की मानें तो एयर पॉल्यूशन से कई गंभीर रोगों का संकट बढ़ जाता है। इनमें दिल की बीमारियां, स्ट्रोक, फेफड़ों का कैंसर, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) तथा तीव्र श्वसन संक्रमण प्रमुख हैं। बच्चे Acute Respiratory Infections मतलब तीव्र श्वसन संक्रमण के ज्यादा शिकार होते हैं। 

अस्थमा: यह एक श्वसन संबंधी बीमारी है, जिसमें मरीज को सांस लेने में समस्यां होती है, सीने में दबाव महसूस होता है तथा खांसी भी होती है। ऐसा तब होता है, जब शख्स की श्वसन नलियों में अवरोध उत्पन्न होने लगता है। ये रुकावट एलर्जी (हवा अथवा प्रदूषण) तथा कफ से आती है। कई मरीजों में ऐसा भी देखा गया है कि श्वसन मार्ग में सूजन भी हो जाता है।

लंग कैंसर: स्माल सेल लंग कैंसर (एससीएलसी) कैंसर प्रदूषण तथा धूम्रपान की वजह से होता है। इसका पता तब चलता है, जब एससीएलसी शरीर के विभिन्न भागों में अधिक फैल चुका होता है। साथ ही नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर (एनएससीएलसी)  तीन तरह के होते हैं। एडिनोकार्सिनोमा, स्क्वेमस सेल कार्सिनोमा तथा लार्ज सेल कार्सिनोमा।

दिल का दौरा: एक्सपर्ट्स का कहना है कि वायु प्रदूषण से दिल का दौरा पड़ने का संकट बढ़ जाता है। जहरीली हवा के महीनकण पीएम 2.5 ब्लड में प्रवेश कर जाते हैं। इससे धमनियाों में सूजन आने लगती है तथा फिर हार्ट अटैक का संकट बढ़ जाता है।

तीव्र श्वसन संक्रमण: श्‍वसन तंत्र का तीव्र संक्रमण रोग से बच्चे को सांस लेने में परेशानी होती है। इससे सांस लेने में सहायक अंग नाक, गला तथा फेफड़ें संक्रमित हो जाते हैं। इस बीमारी के बच्चे ज्यादा शिकार होते हैं। इस रोग से 5 साल से कम आयु के बच्‍चों की मृत्‍यु सबसे ज्यादा होती है।

क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी): क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) सांस संबंधी रोग है, जिसमें मरीज को सांस लेने में कठिनाई होती है। यह बहुत खतरनाक होती है। Who की मानें तो सीओपीडी से सबसे ज्यादा लोग मरते हैं।

ऐसे करें बचाव:  
मास्क पहनकर बाहर निकलें।
भांप लें।
प्राणायाम करें।
काढा का सेवन करें।

दिसंबर में आएगी कोरोना की दूसरी लहर: स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा

गर्लफ्रेंड के कहने पर इस्तीफा दे सकते हैं राष्ट्रपति पुतिन, इस गंभीर बीमारी से हैं पीड़ित

केंद्रीय मंत्री ने कहा कर्नाटक में कोरोना की बढ़ोतरी में आई गिरावट

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -