दुनिया खा रही 'भारत' का नमक! साढ़े 4 गुना बढ़ गया निर्यात, लोगों की आय भी बढ़ी
दुनिया खा रही 'भारत' का नमक! साढ़े 4 गुना बढ़ गया निर्यात, लोगों की आय भी बढ़ी
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नई दिल्ली: जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तो उन्होंने नमक उत्पादन के तरीके को बदलने पर ध्यान केंद्रित किया था। पारंपरिक पद्धति के बजाय, उन्होंने मशीनीकरण और सौरकरण को प्रोत्साहित किया और इस परिवर्तन के लिए सब्सिडी प्रदान की। इस कदम से डीजल की खपत कम हुई, नमक उत्पादन बढ़ा और व्यवसायों को अधिक मुनाफा हुआ। मोदी सरकार की पहल के चलते भारत के नमक उद्योग में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। अब भारत नमक उत्पादन में आत्मनिर्भर से आगे बढ़ते हुए 75 से अधिक देशों में निर्यात के साथ दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक बन गया है। उदाहरण के लिए, नमक निर्यात अप्रैल-जून 2013 में 145 करोड़ रुपये से बढ़कर 2023 में इसी अवधि में 673 करोड़ रुपये (साढ़े चार गुना) हो गया है।

अब यह कहा जा सकता है कि, दुनिया भारत का नमक खा रही है, कम से कम 75 से अधिक देश तो खा ही रहे हैं और इससे देश के लोगों को रोज़गार और मुनाफा, दोनों मिल रहा है।  गुजरात मॉडल, विशेषकर मशीनीकरण पर तत्कालीन मोदी सरकार के फोकस ने नमक व्यवसाय में क्रांति ला दी थी। जिसका असर ये हुआ कि आज गुजरात नमक उत्पादन में अग्रणी बन गया, जो न केवल मात्रा, बल्कि गुणवत्ता के लिए भी जाना जाता है। इस बदलाव से व्यवसाय के अवसरों में सुधार हुआ, मजदूरों का जीवन आसान हुआ और उनकी आय में वृद्धि हुई। भारत के नमक को चीन, दक्षिण कोरिया, जापान, कतर, इंडोनेशिया, वियतनाम, बांग्लादेश, नेपाल और ताइवान सहित विभिन्न देशों में लोकप्रियता मिली। नेपाल सालाना 2 मिलियन टन से अधिक भारतीय नमक प्राप्त करने वाला सबसे बड़ा आयातक बन गया। सरकार के इस कदम के चलते बदौलत, भारत ने नमक उत्पादन में चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद विश्व स्तर पर तीसरा स्थान हासिल किया। देश का वार्षिक नमक उत्पादन 265 लाख टन से अधिक है, जिसमें गुजरात, तमिलनाडु और राजस्थान का योगदान कुल 96 प्रतिशत है।

गुजरात के उच्च गुणवत्ता वाले नमक ने भारत के निर्यात में महत्वपूर्ण योगदान दिया। विशेष रूप से, गुजरात का नमक जामनगर, मीठापुर, लावणपुर, झाखर, भावनगर, चौरा, राजुला, गांधीधाम, कांधला और मालिया जैसे क्षेत्रों में समुद्री जल से प्राप्त किया जाता है। भारत का लगभग 70 प्रतिशत नमक समुद्री जल से प्राप्त होता है, एक छोटा हिस्सा भूमिगत समुद्री जल से और उससे भी कम झीलों और चट्टानों से प्राप्त होता है। हाल के वर्षों में भारत के नमक उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 2020-21 में 870 करोड़ रुपये का करीब 66 लाख टन नमक निर्यात किया गया. 2021-22 में कुल नमक उत्पादन 266 लाख टन से अधिक हो गया, जो पिछले पांच वर्षों में 85 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि दर्शाता है। नमक उद्योग सहित विभिन्न क्षेत्रों को मजबूत करने पर मोदी सरकार के फोकस ने भारत की आर्थिक वृद्धि और सभी क्षेत्रों में निर्यात में वृद्धि में योगदान दिया है।

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