UAE के हिंदू मंदिर में दुनिया हुई नतमस्तक, शामिल हुए 42 देशों के राजनयिक
UAE के हिंदू मंदिर में दुनिया हुई नतमस्तक, शामिल हुए 42 देशों के राजनयिक
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संयुक्त अरब अमीरात में हिंदू मंदिर बनाया जा रहा है. इस मंदिर का नाम BAPS मंदिर है. पीएम नरेंद्र मोदी 14 फरवरी को इस मंदिर का उद्घाटन करने वाले है. इस दौरान मंदिर का दौरा करने के लिए 42 देशों के करीब 60 से अधिक राजदूत और राजनयिक मंदिर परिसर में पहुंचे. इस दौरान सभी राजदूतों ने मंदिर के निर्माण की जमकर तारीफ भी कर दी है.

इस मंदिर को देखने आए लोगों का दुबई में जोरदार स्वागत भी हुआ. सभी को माला पहनाकर उनके हाथ में धागा भी बांधा गया. इस दौरान यहां BAPS मंदिर परियोजना के प्रमुख स्वामी ब्रह्मविहरिदास भी मौजूद थे. BAPS मंदिर संयुक्त अरब अमीरात में बनने वाला पहला हिंदू मंदिर कहा जा रहा है. जिस पर शानदार नक्काशी का काम किया गया है, जो देखने में बहुत ही ज्यादा खूबसूरत है.

स्वामी ब्रह्मविहरिदास ने बताया ऐतिहासिक महत्व: स्वामी ब्रह्मविहरिदास ने सभी राजदूतों को मंदिर के ऐतिहासिक महत्व और निर्माण प्रक्रिया के बारें में जानकारी दी थी. संजय सुधीर भारतीय राजदूत के तौर पर शामिल हुए हैं. उन्होंने सभी मेहमानों के आने पर खुशी जाहिर की. उन्होंने इस बारें में कहा है कि असंभव लग रहा था, लेकिन अब यह सपना वास्तव में हकीकत होता हुआ नजर आ रहा है. यह कार्यक्रम संयुक्त अरब अमीरात में इंडियन एंबेसी की ओर से आयोजित कर दिया गया था.

राजदूतों ने की मंदिर की तारीफ: इस बीच नेपाल के राजदूत तेज बहादुर छेत्री ने मंदिर की तारीफ करते हुए बोला है कि ये मंदिर प्रेरणादायक है जो लोगों को प्रेम, सद्भाव और सहिष्णुता के बारे में सीखा रहा है. उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा है कि ये मंदरि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक उपहार होने वाला है. कनाडा के राजदूत राधा कृष्ण पांडे ने भी मंदिर की डिजाइन उसकी कलात्मका की तारीफ की. उन्होंने बोला है कि ये मंदिर काफी आकर्षक है. जिसके साथ ही कनाडा के राजदूत ने मंदिर के निर्माण के लिए महंत स्वामी का धन्यवाद किया.

मंदिर में सभी धर्मों के चित्रों का निर्माण: यूनाइटेड किंगडम के उप राजदूत जोनाथन नाइट ने मंदिर का दौरा करने के उपरांत बोला है कि ऐसे मंदिर को देखना अपने आप में बहुत अद्भुत है, इसमें एक साथ कई सारे धर्मों के ऐसे चित्र बनाए गए हैं, जो कि सदियों तक चलने वाले है. वो उम्मीद करते हैं कि यह मंदिर घर से दूर एक घर का अनुभव देने वाला है. सिंगापुर के राजदूत कमल आर वासवानी ने मंदिर को मानवीय भावना का प्रमाण कहा है, उन्होंने बोला कि हम सभी के बीच कई समानताएं हैं, मंदिर के आसपास दर्शाए गए मूल्य कई अलग-अलग धर्मों, संस्कृतियों और आस्थाओं के मध्य साझा हैं. यह इस बात का प्रतीक है कि हम शांति और सद्भाव के साथ कैसे रह सकते हैं.

इन देशों से आए मेहमान: खबरों का कहना है कि इस मंदिर का दौरा करने वाले राजदूतों और वरिष्ठ राजनयिकों में अर्जेंटीना, आर्मेनिया, बहरीन, बांग्लादेश, बोस्निया और हर्जेगोविना, कनाडा, चाड, चिली, साइप्रस, चेक गणराज्य, डोमिनिकन गणराज्य, मिस्र, यूरोपीय संघ, फिजी, गाम्बिया, जर्मनी के राजदूत और वरिष्ठ राजनयिक शामिल हैं. साथ ही घाना, आयरलैंड, इज़राइल, इटली, मोल्दोवा, मोंटेनेग्रो, नेपाल, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, नाइजीरिया, पनामा, फिलीपींस, पोलैंड, सेशेल्स, सिंगापुर, श्रीलंका, स्वीडन, सीरिया, थाईलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, यूके, अमेरिका, जिम्बाब्वे और जाम्बिया के राजदूत और राजनयिक शामिल हुए थे. सभी राजनेताओं को बच्चों के हाथों से बना एक खूबसूरत पत्थर भी दे दिया था. जिस पर मंदिर की आकृति बनी है.

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