रिजर्व बैंक को करना पड़ेगा ब्याज दरों में कटौती : सीईए सुब्रमण्यन
रिजर्व बैंक को करना पड़ेगा ब्याज दरों में कटौती : सीईए सुब्रमण्यन
Share:

नईदिल्ली: मॉनिटरी पॉलिसी रिव्यू से एक सप्ताह पहले चीफ इकनॉमिक अडवाइजर (सीईए) अरविंद सुब्रमण्यन ने इंटरेस्ट रेट में कटौती की जोरदार वकालत की है। उन्होंने यह भी कहा कि रुपये की वैल्यू इतनी ज्यादा नहीं होनी चाहिए कि उससे एक्सपोर्ट मार्केट में हम दूसरे देशों का मुकाबला न कर सकें, वह भी ऐसे वक्त में जब चीन जैसे देश अपनी करंसी की वैल्यू पर अग्रेसिव तरीके से कम कर रहे हैं।

अरविंद सुब्रमण्यन ने मोदी सरकार के एक साल पूरा करने पर मिडिया से कहा कि कंजम्पशन और पब्लिक इन्वेस्टमेंट के चलते आर्थिक तरक्की हो रही है। प्राइवेट इन्वेस्टमेंट और एक्सपोर्ट के मामले में प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि इकनॉमिक रिकवरी के संकेत दिख रहे हैं। सुब्रमण्यन ने कहा कि सरकार मेक इन इंडिया एक्सपोर्ट ओरिएंटेड मैन्युफैक्चरिंग को तभी सफल बना सकती है, जब रुपया सही लेवल पर हो। सीईओ ने कहा, 'दूसरे देश अग्रेसिव तरीके से मॉनिटरी पॉलिसी में ढील दे रहे हैं। इससे उनकी करंसी की वैल्यू कम होगी और एक्सपोर्ट बढ़ाने में मदद मिलेगी।' उन्होंने संकेत दिया कि रिजर्व बैंक इस मामले में चीन की राह पर चल सकता है।

अरविंद सुब्रमण्यन ने कहा, 'अगर आप मुझसे पूछें कि चीन ने 4 लाख करोड़ डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार कैसे तैयार किया तो मेरा जवाब यही होगा कि उसने करंसी की वैल्यू ऐसी रखी, जिससे एक्सपोर्ट को बढ़ावा मिले। यह हम सबके लिए सबक है। ऐसा नहीं है कि चीन जो भी करता है, हमें वैसा ही करना चाहिए, लेकिन हम उससे सबक तो सीख ही सकते हैं।' उन्होंने बताया, 'चीन इकनॉमिक स्लोडाउन के चलते अब इंटरेस्ट रेट में तेजी से कटौती कर रहा है। इससे उसकी करंसी की वैल्यू भी कम होगी। हमें इस बात को ध्यान में रखते हुए अपनी रणनीति बनानी चाहिए।'

अरविंद सुब्रमण्यन ने कहा कि महंगाई दर आरबीआई के टारगेट से कम है। सरकार भी फिस्कल कंसॉलिडेशन का वादा पूरा कर रही है। ऐसे में कंजम्पशन बढ़ाने के लिए लोन सस्ता करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, 'कंजयूमर प्राइस बेस्ड महंगाई दर 5 पर्सेंट के करीब है। होलसेल इनफ्लेशन निगेटिव है।' इकनॉमिक सर्वे के मुताबिक, कंजयूमर इनफ्लेशन के 5-5.5 पर्सेंट के बीच रहने की उम्मीद है। इससे इंटरेस्ट रेट घटाने की गुंजाइश बनती है।

अरविंद सुब्रमण्यन ने कहा, 'महंगाई दर के अनुमान को देखिए। फिस्कल कंसॉलिडेशन पर क्या स्थिति है। उसके बाद आप सोचिए कि मॉनेटरी पॉलिसी कैसी होनी चाहिए। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि इंटरेस्ट रेट में कितनी कटौती होनी चाहिए। हालांकि, मुझे लगता है कि लोन सस्ता करने की गुंजाइश है।' उनके मुताबिक, यह कहना ठीक नहीं होगा कि ब्याज दरों में कितनी कमी की जानी चाहिए क्योंकि संविधान के मुताबिक यह अधिकार कुछ दूसरे लोगों के पास है।

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -