18 पुराणों में सबसे बड़ा है स्कन्द पुराण
18 पुराणों में सबसे बड़ा है स्कन्द पुराण
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पुराण हमारे प्राचीन ग्रंथ है तथा इनकी संख्या जहां 18 है तो वहीं स्कंद पुराण इन सभी पुराणों में सबसे बड़ा माना जाता है। इस पुराण में 6 खंड बंटे हुए है- इनमंे प्रमुख है- महेश्वर खंड, वैष्णव खंड, ब्रह्म खंड, काशी खंड, अवंतिका खंड और रेवा खंड। 

इस महापुराण का मुख्य विषय भारत के प्रमुख शैव और वैष्णव तीर्थों का वर्णन करना है तथा तीर्थों का महात्म्य वर्णन करते हुए अनेक प्रसिद्ध पौराणिक कथाएं भी प्रसंग वश दी गई है। बीच-बीच में कुछ अध्याय सृष्टि प्रकरण के भी इस स्कंद पुराण में मिलते है। मूल रूप में स्कंद पुराण को शैव पुराण माना गया है वहीं इसमें भगवान विष्णु की महिमा और प्रशंसा भी मूल रूप से मिलती है।

स्कंद पुराण में अवंतिका खंड सर्वाधिक रूप से बड़ा अध्याय है तथा इस खंड में अवंतिका नगरी अर्थात उज्जैन की महिमा को उल्लेखित किया गया है। इनमें उज्जैन के प्राचीन नाम, देव स्थान, शिप्रा, तीर्थ यात्राओं आदि का विशेष रूप से उल्लेख प्राप्त होता है।

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