रामेश्वरम धाम तमिलनाडु प्रांत के रामनाथपुरम जिले में स्थित है. यहाँ विराजित शिवलिंग को 12 ज्योतिर्लिमें से एक बताया जाता है. इसी बात से साबित हो जाता है कि रामेश्वरम धाम की महिमा कितनी महान है. कहा जाता है कि जब श्रीराम रावण से युद्ध करने जा रहे थे तो राम को एहसास हुआ कि अगर भगवान शिव को प्रसराम को एहसास हुआ कि अगर भगवान शिव को प्रसन्न नहीं किया गया तो रावण से युद्ध जीतना मुश्किल होगा. तब राम ने समुद्र किनारे शिवलिंग की स्थापना कर शिव की आराधना की थी. रामेश्वरम धाम वही स्थान है
मंदिर के अंदर मीठे जल के 24 कुंए हैं. इन जल कुंडों का निर्माण भगवान राम ने अपने बाण से किया था. आज 2 जल कुंड तो सुख गये हैं किन्तु बाकी भी सुरक्षित हैं. इनके जल से व्यक्ति के जन्मों-जन्मों के पाप जन्मों-जन्मों के पाप खत्म हो जाते हैं शिवपुराण पढ़ते हैं तो वहां भी रामेश्वरम धाम की महिमा का गुणगान किया गया है. शिवपुराण में बताया गया हैशिवपुराण में बताया गया है कि यह धाम कितना महत्वपूर्ण है.यहाँ की कलाकारी को देखने दूर-दूर से लोग आते हैं. भारत के लोगों की तुलना में विदेशी लोगों की संख्या कचीज है. यहाँ की कलाकारी को देखने दूर-दूर से लोग आते हैं.