बच्चों के खाने में बनावट यानी टेक्सचर बहुत जरूरी होता है. टेक्सचर को बदलना बहुत जरूरी है. आपने देखा होगा कि आजकल के बच्चे स्मूथ चीजों, बहुत ही आसानी से निगलने वाली चीजों, फ्रूट जूस को ज्यादा पसंद करते हैं, जिसमें दांतों को ज्यादा मेहनत न करनी पड़े. यह आदत बदलना बहुत जरूरी है,
इसलिए बच्चों को बचपन से ही थोड़ी क्रंची और रूखी चीजें देना शुरू करें. रोटी के आटे में थोड़ा सा रागी का आटा या बाजरे का आटा मिला लें. थोड़ी सी ही मात्रा में डालकर शुरू करें हालांकि उसे थोड़ा रूखा लगेगा. लेकिन उसके टेस्ट बड्स में एक बार आदत पड़ जाने से उसे स्मूथ चीजें नहीं अच्छी लगेगी. लेकिन अगर स्मूथ चीजों से शुरूआत करेगें तो उसे रफ चीजें बिल्कुल भी अच्छी नहीं लगेगी.
बच्चों को खिलाने के लिए क्रिएटिविटी बहुत जरूरी है. क्रिएटिविटी यानी बच्चों के खाने में वैराइटी के साथ ही शेप, रूप और बनावट बहुत जरूरी होता है.