चेन्नई : तमिलनाडु की सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में एक निर्णायक फैसला लिया है, जिसके तहत हत्या के आरोपियों की सजा कम करके उनके रिहा कर दिया जाएगा। उन्हें उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी। राज्य सरकार इस मामले में अब केंद्र सरकार की राय जानना चाहती है।
इसके लिए तमिलनाडु सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखा है। गृह सचिव राजीव महर्षि के संबोधन में लिखे पत्र में तमिलनाडु के मुख्य सचिव के गणदेशकन ने लिखा है कि प्रदेश सरकार को सातों आरोपियों की ओर से याचिका मिली है। जिसमें उन्होने खुद को रिहा करने की मांग करते हुए लिखा है कि वो 20 वर्षों से जेल में बंद है।
दोषियों में वी. श्रीहरन उर्फ मुरुगन, सांतन और एजी पेरारिवलन, जयाकुमार, रॉबर्ट पायस, रविचंद्रन और नलिनी श्रीहरिहरन हैं। आगे गणेशकदन ने लिखा है कि नलिनी ने पहले ही चेन्नई हाइ कोर्ट में अफनी रिहाई के लिए याचिका दायर कर दी है।
राज्य सरकार सभी आरोपियों पर विचार करने के बाद उनकी सजा को कम करने का विचार कर रही है। राजीव गांधी की हत्या 21 मई 1991 में श्रीपेरंबदूर के निकट चुनाव रैली में हुई थी। 1998 में विशेष टाडा कोर्ट ने सातों आऱोपियों को दोषी मानते हुए सजा सुनाई थी।