ज्ञानवापी में चौथे दिन फिर शुरू हुआ सर्वे, खंडित देव प्रतिमाएं मिलने का दावा, मुस्लिम पक्ष ने दी बहिष्कार की धमकी
ज्ञानवापी में चौथे दिन फिर शुरू हुआ सर्वे, खंडित देव प्रतिमाएं मिलने का दावा, मुस्लिम पक्ष ने दी बहिष्कार की धमकी
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वाराणसी: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अधिकारियों की एक टीम ने आज सोमवार (7 अगस्त) सुबह 10:30 बजे वाराणसी में विवादित ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण फिर से शुरू किया। हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील सुधीर त्रिपाठी ने मीडिया को बताया कि, 'सावन' महीने (जिसे हिंदुओं द्वारा सबसे शुभ अवधियों में से एक माना जाता है) का पांचवां सोमवार होने के चलते आज सर्वे शुरू करने में थोड़ी देरी हुई। उन्होंने कहा कि काम प्रगति पर है और मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतजामिया कमेटी सर्वेक्षण में सहयोग कर रही है। ASI सर्वेक्षण पर एक अपडेट साझा करते हुए, हिंदू पक्ष के एक अन्य वकील, सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने मीडिया को बताया कि काम 'व्यवस्थित' तरीके से किया जा रहा है और 'माप में कुछ समय लगेगा'।

बता दें कि, यह निर्धारित करने के लिए रविवार (6 अगस्त) को ज्ञानवापी मस्जिद के तीन गुंबदों के नीचे के क्षेत्र का वैज्ञानिक परीक्षण किया गया कि क्या 17वीं सदी की मस्जिद का निर्माण किसी हिंदू मंदिर की पहले से मौजूद संरचना पर किया गया था। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि कुछ तहखानों की सफाई के साथ-साथ 'इलाके की फोटोग्राफी, मैपिंग और माप' पूरी कर ली गई है। बाद में, जैन ने कहा कि हिंदू पक्ष के प्रतिनिधि सर्वेक्षण के निष्कर्षों पर टिप्पणी नहीं करेंगे क्योंकि यह कोर्ट की निगरानी में किया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि, अदालत द्वारा आदेशित सर्वेक्षण का प्राथमिक चरण समाप्त हो गया है और राडार सहित "मशीनों" के साथ द्वितीयक चरण शुरू हो गया है। त्रिपाठी ने शनिवार को कहा कि इस काम में डिफरेंशियल ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (DGPS) और अन्य तकनीकों का इस्तेमाल किया गया। उन्होंने कहा कि हिंदू पक्ष अब तक के सर्वेक्षण से संतुष्ट है। वहीं, मुस्लिम पक्ष के वकील मुमताज़ अहमद ने रविवार को हिंदू प्रतिनिधियों द्वारा परिसर के अंदर मलबे में हिंदू मूर्तियों के टुकड़े पाए जाने के दावे को अफवाह बताया। अहमद ने कहा, "अफवाहें उन क्षेत्रों के लिए भी फैलाई जा रही हैं, जहां अभी सर्वेक्षण होना बाकी है, जब जनता इसे देखेगी, तो उन्माद मच जाएगा।" बता दें कि, पूरा सर्वे ASI द्वारा कोर्ट की निगरानी में किया जा रहा है, जिसमे वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी भी की जा रही है, ऐसे में अफवाह का कोई सवाल ही नहीं उठता, जो भी सच्चाई होगी, वो कैमरे में दर्ज हो जाएगी और देश उसे देखेगा। 

अंजुमन इंतजामिया मस्जिद के संयुक्त सचिव सैयद मोहम्मद यासीन ने मीडिया के एक वर्ग पर झूठा दावा करने का भी आरोप लगाया कि शनिवार को 'तहखाना' (तहखाने) के सर्वेक्षण के दौरान खंडित मूर्तियां, 'त्रिशूल' और 'कलश' पाए गए थे। उन्होंने कहा, "अगर ऐसे कृत्यों पर काबू नहीं पाया गया तो मुस्लिम पक्ष एक बार फिर सर्वेक्षण कार्य का बहिष्कार करेगा।" बता दें कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के बाद, वुज़ू खाना को छोड़कर, काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण शुक्रवार को शुरू हुआ, जिसने ASI को सर्वे करने की अनुमति दी। हालाँकि, शुक्रवार को मुस्लिम पक्ष का कोई भी व्यक्ति सर्वे में शामिल नहीं हुआ था। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इलाहाबाद HC के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, मुस्लिम पक्ष का कहना है कि यह "अतीत के घावों को फिर से हरा देगा"।

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