नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में भड़की हिंसा के बाद शीर्ष अदालत ने किसान आंदोलन को लेकर सख्त रुख अख्त्यार कर लिया है। दिल्ली-नोएडा मार्ग पर रास्ता अवरुद्ध किए जाने को लेकर डाली गई जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जब हमने तीन कृषि कानूनों पर फिलहाल रोक लगा रखी है तो फिर सड़कों पर आंदोलन क्यों हो रहे हैं? सर्वोच्च न्यायालय ने मामले में 43 किसान संगठनों को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है।
दरअसल, नोएडा की रहने वाली मोनिका अग्रवाल ने किसान आंदोलन के कारण दिल्ली- नोएडा यातायात बाधित रहने का मुद्दा उठाया था। किसान आंदोलन के कारण बाधित दिल्ली की सड़कों को खोलने की मांग उन्होंने कोर्ट में की थी। जिसके बाद शीर्ष अदालत ने 43 किसान संगठनों को नोटिस जारी किया। इस मामले में अब 20 अक्टूबर को सुनवाई होगी। इसी मुद्दे को लेकर हरियाणा सरकार ने अंतरिम अर्जी दायर कर 43 किसान संगठनों को पक्षकार बनाने के लिए याचिका दाखिल की थी।
हरियाणा सरकार की याचिका पर अदालत ने नोटिस जारी किया है। शीर्ष अदालत ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-नोएडा मार्ग बाधित करने को लेकर लगाई गई जनहित याचिका पर किसान संगठनों से जवाब मांगा है। मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 43 किसान संगठनों को नोटिस जारी किया है।
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