किसान आंदोलन: 8 बार की बातचीत में भी कोई हल नहीं निकला, सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता
किसान आंदोलन: 8 बार की बातचीत में भी कोई हल नहीं निकला, सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता
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नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों और सरकार की वार्ता अब तक बेनतीजा रही है. इसपर सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को चिंता जाहिर की है. हालांकि, सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि हमें उम्मीद है कि जल्द ही यह गतिरोध ख़त्म होगा.

दरअसल, नए कृषि कानूनों की संवैधानिक वैधता को लेकर कुछ वकीलों ने जनहित याचिका दाखिल की है. इस पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि हम किसान आंदोलन और कृषि कानूनों की अर्जी पर सोमवार को सुनवाई करेंगे. शीर्ष अदालत के प्रधान न्यायाधीश (CJI) एसए बोबड़े ने टिप्पणी करते हुए कहा कि हमें हालात में कोई परिवर्तन नहीं दिख रहा है. इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हम बात कर रहे हैं. वहीं, अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि हमें उम्मीद है कि दोनों पक्ष किसी नतीजे पर सहमत हो जाएंगे. इस पर CJI एसए बोबड़े ने कहा कि हम स्थिति से वाकिफ हैं और चाहते हैं कि बातचीत और बढ़ें. हम हालात पर पूरी तरह से नजर रखे हुए हैं.

वहीं, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कृषि कानून और किसान आंदोलन के मामले में सुनवाई की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि अभी दोनों पक्षों के बीच वार्ता चल रही है. इस पर CJI एसए बोबड़े ने कहा कि हम सोमवार को मामले को देखेंगे, यदि बातचीत सकारात्मक रही तो हम सुनवाई को टाल देंगे.

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