मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिब्यूनल में रिक्त पदों को नहीं भरे जाने पर नाराजगी जताई है. अदालत ने कहा कि सरकार फोरम गठित कर न्यायपालिका के काम तो ले रहे है, लेकिन उसके लिए नियुक्तियां नहीं कर रही.
खौफनाक मंज़र: गोदाम में आग लगने से लोगों में मचा कोहराम
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि विभिन्न हाई कोर्ट में रिक्त पदों का उल्लेख करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम और सरकार के बीच एकराय नहीं होने से सिफारिशों पर अमल नहीं होता.
कोरोना ने मचाया तहलका, बीते 24 घंटों में 3466 पॉजिटिव मरीजों की हुई मौत
इसके अलावा जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) के सदस्य वीके जैन के कार्यकाल को तीन महीने के लिए बढ़ाने का आदेश दिया. जैन 29 मई को रियाटर होने वाले थे. साथ ही, पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से रिक्तियों को भरने के लिए कुछ रचनात्मक निर्देश लेने को कहा और मामले को छह हफ्ते बाद के लिए सूचीबद्ध कर दिया. वही, सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील पराग त्रिपाठी ने कहा कि एनसीडीआरसी में 11 में से सात पद रिक्त हैं. इसमें तीन न्यायिक और चार गैर न्यायिक सदस्यों के पद हैं. इस पर पीठ ने कहा कि वह सॉलिसिटर जनरल से इन पदों को भरने के लिए निर्देश लेने को कहेगी. कोर्ट ने यह भी कहा कि यह सदाबहार समस्या है, जिसके चलते ट्रिब्यूनल का कामकाज ठप पड़ गया है. मेहता ने माना कि कुछ समस्याएं हैं, जिन्हें दूर किया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार जब तक कोई कदम नहीं उठाती तब तक पीठ एनसीडीआरसी सदस्य, जो 29 मई को रिटायर होने वाले हैं, उनके कार्यकाल को बढ़ा सकती है.
प्रवासी मजदूरों की फ्री यात्रा से जुड़ी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कही यह बात
जन-धन : सरकार ने खातों में भेजी 500 रु की राशि, जानें कब आएगा आपका नंबर
कच्चे तेल के दाम में भारी गिरावट, खजाना भरने के लिए सरकार ने किया ऐसा काम