बॉलीवुड में निर्माताओ को सम्मान नहीं मिलता : सुनील शेट्टी
बॉलीवुड में निर्माताओ को सम्मान नहीं मिलता : सुनील शेट्टी
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बॉलीवुड में अन्ना के नाम से मशहूर अभिनेता-निर्माता सुनील शेट्टी को लगता है कि हिन्दी सिने जगत में निर्माताओं को पर्याप्त सम्मान नहीं दिया जाता. उनका कहना है कि निर्माताओं का काम कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण होता है और इसलिए उनका अधिक सम्मान किया जाना चाहिए. सुनील ने विनोद कापड़ी की व्यंग्यात्मक फिल्म 'मिस टनकपुर हाजिर हो' का समर्थन किया, जो एक ऐसे दबंग व्यक्ति की कहानी है, जो गलती से एक ग्रामीण को अपनी भैंस के साथ दुष्कर्म का आरोपी बता देता है और पंचायत इस मामले में उसे भैंस से शादी करने का तुगलकी फरमान जारी करती है.

खाप पंचायतों पर चोट करती इस फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान सुनील ने कहा, "फिल्म जगत में अपने साथी कलाकारों या निर्देशकों के साथ संबंध रखना ठीक है, लेकिन फिल्मों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण निर्माताओं के साथ संबंध होता है. ये वे लोग होते हैं, जो फिल्मों में बड़ी धनराशि लगाते हैं और कई बार अपना घर तक बेच डालते हैं. उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि इस फिल्म जगत में लोग निर्माताओं का सम्मान नहीं करते.

हमें उनका अधिक सम्मान करने की आवश्यकता है, क्योंकि यदि फिल्मों से किसी तरह का नुकसान होता है तो इसे निर्माताओं को ही झेलना पड़ता है, अभिनेताओं और निर्देशकों को नहीं. सुनील ने 'खेल', 'रक्त', 'मिशन इस्तांबुल', 'ईएमआई' और 'लूट' जैसी फिल्मों का सह-निर्माण किया है. उन्होंने 'भागम भाग' का भी सह-निर्माण किया, जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा हुआ.

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