चंडीगढ़ : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अमरिंदर सिंह ने शनिवार को पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को चेतावनी दी कि यदि उनके पास कांग्रेस नेताओं के खिलाफ राष्ट्रविरोधी गतिविधियों का कोई सबूत है, तो वह उनके खिलाफ देशद्रोह के आरोप में कार्रवाई करें। अमरिंदर ने सुखबीर सिंह बादल द्वारा शनिवार को नई दिल्ली में किए गए दावे को हास्यास्पद बताया, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस पंजाब में चरमपंथी और राष्ट्रविरोधी तत्वों को प्रोत्साहित कर रही है। लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता अमरिंदर ने कहा कि सुखबीर बादल अपनी विफलता का ठीकरा कांग्रेस पर फोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। अमरिंदर ने कहा, यदि आपके पास हमारे खिलाफ राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में संलिप्तता का सबूत है तो दिल्ली जाकर वहां रोना रोने के बदले आप हमारे खिलाफ देशद्रोह के तहत कार्रवाई क्यों नहीं करते।
अमरिंदर की यह प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है, जब सुखबीर ने शनिवार को अकाली दल के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की और बाद में नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। अकाली दल-भाजपा गठबंधन के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार पिछले दो महीनों से मुसीबतों का सामना कर रही है, क्योंकि गुरुग्रंथ साहिब को अपवित्र करने की घटनाओं (जिसके कारण राज्यभर में हिंसा भड़क उठी थी) के बाद चरमपंथी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। अमरिंदर ने कहा, हम कांग्रेस के लोगों को देशभक्ति और राष्ट्रवाद पर सुखबीर बादल जैसे किसी व्यक्ति से कोई सीख लेने की जरूरत नहीं है, जिनके पिता और मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल अभी भी खालिस्तान आंदोलन के दौरान भारतीय संविधान की प्रतियां जलाने पर गर्व महसूस करते हैं।
अमृतसर में 10 नवंबर को संपन्न हुए सरबत खालसा का जिक्र करते हुए अमरिंदर ने कहा कि वहां भारी संख्या में लोगों की उपस्थिति बादल सरकार के खिलाफ लोगों के गुस्से को जाहिर करती है और यह खालिस्तान के समर्थन में नहीं था, जैसा कि सुखबीर बादल और खालिस्तान के नायक सिमरनजीत सिंह मान द्वारा कहा जा रहा है। अमरिंदर से जब यह कहा गया कि सुखबीर बादल ने दावा किया है कि उनके पास इस बात के सबूत हैं कि सरबत खालसा में किस तरह राष्ट्रविरोधी प्रस्ताव तैयार किए गए और उन्हें पारित किए, तो उन्होंने सुखबीर की क्षमताओं पर सवाल उठाया।
अमरिंदर ने कहा, फिर वह राज्य के उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री के रूप में क्या कर रहे थे? क्या कांग्रेस पर आरोप लगाकर उनकी जिम्मेदारी पूरी हो गई? बेहतर होता कि वह नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे देते। अमरिंदर ने कहा कि बादल (मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, सुखबीर बादल और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत बादल) और उनके मंत्री जनता के गुस्से के कारण जनता के बीच जा तक नहीं रहे हैं। अमरिंदर ने कांग्रेस पार्टी के खिलाफ आरोप लगाने के लिए सुखबीर बादल की आलोचना करते हुए कहा, अभी एक सप्ताह पहले सुखबीर ने कहा था कि पंजाब में सभी समस्या के पीछे आईएसआई था। और अब अचानक उन्होंने राग अलापना शुरू किया कि इसके पीछे कांग्रेस थी।